फर्रुखाबाद:आलू पर दांव लगाकर बाजी हारने वाले क्षेत्र के किसानों ने वर्षों से आलू की फसल में घाटा झेला है| योगी सरकार भले ही किसानों को राहत प्रदान करने के लिए लाख दावे करे लेकिन इसका कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। आज भी किसानों को अपनी फसल के वाजिब दाम नहीं मिल पा रहे हैं। जिसकी वजह से उनका आलू सड़कों पर फेंका जा रहा है| कोल्ड मालिकों के माध्यम से कोल्ड़ो को खाली करने के लिये आलू निकाल कर सडकों अपर फेंका गया है| जिससे बीमारीयां पनप रही है| जिलाधिकारी के आदेश के बाद भी अभी तक असुरक्षित रूप से आलू फेंकने वाले शीतगृह मालिको के खिलाफ एफआईआर दर्ज नही की गयी है|
सूबे योगी सरकार की पहल पर हुई आलू की सरकारी खरीद भी किसानों को इस घाटे से नहीं उबार सकी। आलू किसानों ने कोल्ड से आलू की निकासी ही नही की| जिससे आलू की दरें कम हो गयी| कोल्ड स्टोरेज के मालिकों ने कोल्ड में सड़ रहे आलू को सड़क डाल दिया| असुरक्षित तरीके से फेंका गया आलू बीमारी बाँटने की तैयारी में है| किसानों की माने तो उसका कहना है कि यदि हालत रहे तो आने वाले समय में उन्हें इस खेती से मोह छोड़ना पड़ेगा।
जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बीते दिन कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में निर्देश दिये थे कि जो कोल्ड मालिक आलू असुरक्षित रूप से सडकों पर फेंक रहे है| उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाये| कमालगंज क्षेत्र के ग्राम कमालगंज से दरियागंज मार्ग पर कोल्ड स्टोरेज मालिक खुले में सड़ा हुआ आलू फेंक रहे है| जिससे बीमारी पनप रही है | इस के निकट बुलबुल कोल्ड, अर्जुन कोल्ड व सरस्वती कोल्ड है| वही शहर क्षेत्र के मसेनी चौराहे से पांचाल घाट मार्ग पर बड़ी संख्या में आलू सड़क किनारे गड्डे में फेंका गया है | जिससे आदमी का निकलना मुश्किल है| यंहा आस-पास भी कई कोल्ड है| मजे की बात है कि अभी तक आलू विकास अधिकारी ने किसी भी शीतगृह मालिक के खिलाफ असुरक्षित आलू फेंकने की रिपोर्ट दर्ज नही करायी|
जिलाधिकारी के आदेश के बाद भी जिला आलू अधिकारी नेपाल राम कार्यवाही करने के लिये तैयार नही दिख रहे है| उन्होंने जेएनआई को बताया कि उनके अधिनियम में कोई व्यवस्था मुकदमा दर्ज कराने की नही है| यह तय नही हो पा रहा है कि आलू किसने डाला| अभी जाँच की जा रही है|