लंका जले बिना ही हो गया रावण का दहन

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फर्रुखाबाद: इस बार जितने शक्त तेबर पुलिस ने दिखाये वह उतने ही पुलिस फेल नजर आयी| पुलिस लाठियां पटकती रही और लोग लंका को बिना जले ही उठा ले गये| लंका लुटने से पूर्व ही रावण को जला दिया गया|
रामायण की यदि बात करे तो लंका कांड में हनुमान ने सीता का पता लगाने के दौरान लंका को जलाया था| उसके बाद राम-रावण का युद्ध हुआ| इसी क्रम में आयोजन होना था| पुलिस को उसकी डियूटी भी समझा दी गयी थी| कई दरोगा, कोतवाल, थानाध्यक्ष व पीएसी लगा दी गयी| पहले तो भीड़ शांत खड़ी रही| पुलिस किसी को भी पुतले के निकट आने की इजाजत नही दे रही थी| लेकिन कुछ देर बाद भी नजारा बदल गया|

जैसे ही श्रीराम ने रावण का वध किया| और पुतले में आग लगी| भीड़ में भगदड़ मच गयी| उत्साहित भीड़ बांस-बल्ली तोड़कर अंदर दाखिल हो गयी| वह जल रहे रावण के पुतले की लकड़ी अपने साथ ले जाने का प्रयास करने लगे| जिससे भगदड मच गयी | कई दर्शको के चोट भी लगी| श्याम नगर निवासी रजनीश के सिर उसके ही किसी साथी का डंडा लग गया जिससे उसके सिर से खून बहने लगा|

वही पुलिस को भीड़ को भगाने के लिये लाठी पटकनी पड़ी| इसी बीच बनायी गयी लंका को जब तक जलाया जाता उससे पहले ही भीड़ ने उसे लूट लिया और पुलिस उसे सुरक्षित बचा नही सकी| जबकि मौके पर जिले के कप्तान व डीएम भी दर्शक दीर्घा में बैठे थे| कमेटी के निदेशक मटन लाल ने बताया की लंका नही जल सकी तो यह पुलिस प्रशासन को देखना चाहिए था| पुलिस की लापरवाही रही| जिसके चलते यह हुआ है|