निजी स्कूलों पर शिकंजा, 25 फीसद गरीब बच्चों को मिलेगा प्रवेश

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली-2011 में संशोधन के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इसके तहत अब सरकार निजी स्कूलों की मनमानी रोकने की दिशा में प्रभावी कदम उठाएगी। इनमें 25 फीसद गरीब बच्चों को प्रवेश और निश्शुल्क शिक्षा का अधिकार मिलेगा।

निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 लागू होने के पश्चात, उत्तर प्रदेश निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली-2011 लागू की गई। गुणवत्ता संवद्र्धन के लिए केंद्र सरकार के 23 जून, 2017 एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय की अधिसूचना में उत्तर प्रदेश निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा के प्रावधान को जोड़ दिया गया है। कैबिनेट ने इसी प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके बाद अब निजी स्कूलों में भी निश्शुल्क शिक्षा के लिए 25 प्रतिशत बच्चों के प्रवेश का रास्ता साफ हो गया है।

योजना का लाभ न मिल पाने वाले बच्चों के लिए सरकार ठोस कदम उठाएगी। उनके लिए स्कूल की दूरी भी तय होगी। सुप्रीम कोर्ट ने भी 25 जुलाई को इस संदर्भ में आदेश जारी किये थे। आदेश की कड़ी में भी प्रावधान में संशोधन किया गया है। इस नियमावली के लागू होने के बाद विद्यालयों और अध्यापकों की भी जवाबदेही तय होगी। सरकार के प्रवक्ता एवं ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता का भी आकलन हो सकेगा।