लखनऊ:सोमबार को शिक्षा मित्रों के साथ अपर मुख्य सचिव राजप्रताप सिंह की बातचीत भी विफल होने के बाद आज मुख्यमंत्री से दोबारा शिक्षामित्रों की मुलाकात होनी है। लखनऊ में 1 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाराज शिक्षामित्रों से मुलाकात करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से पूरे यूपी में शिक्षा मित्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है। आज उनके विरोध का छठा दिन है। सोमवार को फिरोजाबाद में एक शिक्षा मित्र की मौत के बाद से इनका आंदोलन और उग्र हो गया है।
सोमवार को मुख्य सचिव से विफल रही वार्ता
शिक्षामित्रों की सोमवार को अपर मुख्य सचिव राजप्रताप सिंह की अध्यक्षता में गठित कमेटी के साथ हुई वार्ता बेनतीजा रही। शिक्षामित्र अपनी मांगों पर अड़े रहे जबकि विभाग की ओर से प्रस्ताव किया गया कि जब तक टीईटी उत्तीर्ण कर नियुक्ति नहीं होती शिक्षा मित्र 10 हजार रुपये के मानदेय पर काम करे जिसे शिक्षामित्रों ने मानने से इनकर कर दिया। वार्ता के बाद शिक्षामित्रों ने आन्दोलन तेज करने की घोषणा की।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खून से पत्र लिखने की भी बात कही है। वहीं अपर मुख्य सचिव ने कहा कि शिक्षामित्र चाहे तो दो दिन तक आकर बात कर सकते हैं उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश को क्रियान्वित करने के लिए आगे की योजना बनाएंगे। सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षामित्रों के बारे में दिए गए हालिया फैसले के परिप्रेक्ष्य में अपर मुख्य सचिव राजप्रताप सिंह के साथ शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमण्डलों की वार्ता हुई।
बैठक में, शिक्षामित्रों ने टीईटी उत्तीर्ण करने के लिए दो बार से ज्यादा मौका देने, अनुभव पर प्रति वर्ष 7 अंक देने, टीईटी परीक्षा दो साल में 5 से 6 बार कराने और मौजूदा वेतन ही मानदेय के तौर पर देने की मांग रखी। जबकि अधिकारियों ने 10 हजार रुपये मानदेय पर काम करने की बात कही। यह भी कहा कि शिक्षामित्र चाहे तो मूल विद्यालय या इस समय कार्यरत विद्यालयों पर काम करने के बारे में विचार किया जा सकता है। दो बार से ज्यादा टीईटी देने पर भी विचार किया जायेगा। शिक्षामित्रों ने इसे नामंजूर कर दिया।
बैठक में आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही, प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष गाजी इमाम आला समेत कई शिक्षामित्र संगठनों के करीब 2 दर्जन नेता शामिल थे। शिक्षामित्रों ने कल से आन्दोलन तेज करने की घोषणा करते हुए कहा है कि जरुरत पड़ी तो ट्रेन भी रोकी जाएगी।