फर्रुखाबाद: जमाअत ए इस्लामी हिन्द द्वारा चलाये जा रहे मुस्लिम परस्नल ला जागरूकता अभियान के अन्तर्गत आयोजित की गयी वार्ता में अलीगढ़ से पहुंची मोहतरमा आतिया नाज ने कहा कि इस्लाम ने औरतों को सम्मान दिया है, सुरक्षा दी है। बेटियों की शिक्षा और परवरिश पर जन्नत की बिरासत दी है।
फर्रुखाबाद शिक्षा निकेतन में आयोजित हुई वार्ता में आतिया नाज ने कहा कि मुसलमानों की बड़ी तादाद ऐसी है जो इस्लाम की पारिवारिक व्यवस्था से बाकिफ नहीं है। जिसके नतीजे में तलाक के मामले सामने आते हैं। आरटीआई के माध्यम से मालूम हुआ है कि मुसलमानों में तलाक का प्रतिशत .08 है। जबकि हिन्दुओं में यह प्रतिशत 3.7 है। इस मुहिम के माध्यम से संगठन मुस्लिम महिलाओं को उनके अधिकारों से परिचित करा रहा है, जो इस्लाम में दिये हैं। उन्होंने कहा कि सत्यता यह है कि जो अधिकार इस्लाम ने महिलाओं को दिये हैं, हम उनका पालन नहीं कर पाते।
आतिया नाज ने बताया कि मुस्लिम औरतें इस्लाम के द्वारा दिये गये महिलाओं के अधिकार से पूरी तरह संतुष्ट हैं। सत्यता यह है कि इस्लाम ने औरतों को सम्मान दिया, सुरक्षा प्रदान की, बेटियों की शिक्षा और परवरिश पर जन्नत की बिरासत दी। औरतों के ऊपर से आर्थिक बोझ खत्म किया। इस्लाम में यह नहीं बताया गया है कि लड़की जब छोटी हो तो उसकी जब जरूरतें बाप पूरी करेगा। विवाह के बाद पति का कर्तव्य है कि जब औरत बूढ़ी हो जाये तो जिम्मेदारी उसके बेटों पर आ जाती है। इस दौरान मन्नान, हाफिज खां, मौलाना मुस्तकीन, अहमद आदिल, मोहम्मद नासिर, मुमताज बेगम, मोहम्मद हाफिज खां आदि मौजूद रहे।