फर्रुखाबाद: (शमसाबाद) दो लाख रूपए पाने की हसरतो को लेकर बेटी पढ़ाओ- बेटी बचाओ योजना के नाम पर कही भोले भाले ग्रामीणों को ठगी का शिकार तो नहीं बनाया जा रहा| फार्म भरवाने से लेकर और जमा करने तक के नाम पर दलालो द्वारा सैकड़ो रुपए की बसूली आम लोगो में चर्चा बिषय बनी
मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र के नगर तथा ग्रामीण इलाको में बेटी पढ़ाओ- बेटी बचाओ योजना के नाम पर ग्रामीण तथा शहरी इलाको में कस्बे के बिभिन्न स्थानों के फोटो स्टूडियो की दुकानों पर एक बेटी पढ़ाओ फार्म बिक्रय किया जा रहा है| जिसकी कीमत 10 से लेकर 20 रूपए तक बसूले जा रहे है| ग्रामीणों को यह कहकर फार्म बिक्रय किये जा रहे है क़ि भारत सरकार की योजना है और इस योजना में बेटियो के नाम फार्म भरबाकर साथ ही उसके बैंको में खुलबाये गए खाता की फ़ोटो कॉपी आधार कार्ड की फोटो कॉपी फार्म के साथ लगाकर उन्हें आज कल डाक घरो पर जमा किये जाने का दौर जारी है| लेकिन इन प्रपत्रो के जमा कराये जाने के नाम पर भोले भाले लोगो से 200 रूपए से लेकर 300 सौ रूपए तक की बसूली की जा रही है|
इन फर्मो केजमा कराये जाने के नाम पर या तो ग्रामीणों को डाकघरों में लाइन लगाते हुए देखा जा रहा है या फिर दलालो को जो भोले भाले ग्रामीणों से फार्म जमा कराये जाने का ठेका किये है| जब इस योजना के बारे में जिम्मेदार प्रसासनिक अधिकारियो से हकीकत क्या है की जानकारी की गयी तो वो भी कुछ भी बताने में अक्षम नजर आये उधर ग्राम प्रधान जय गंगबार ने भी बताया क़ि आज कल उन्हें भी बेहद मुस्किलो का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि इस काम के लिए तमाम ग्रामीण बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ की आवश्यक प्रपत्र लेकर ग्रामीण दर्जनों की संख्या में प्रमाणित कराने के लिए आ रहे हैं|
अगर उन्हें सच्चाई बताई जाये तो गुमराह हुए लोगो को लगता है क़ि ग्राम प्रधान हमारा काम करना नहीं चाहते उन्होंने कहा की भोले भले ग्रामीणों को भ्रमित कर दलाल उनकी गाढ़ी कमाई को लूट रहे है| हालांकि उन्होंने कई लोगों को समझाया यह मामला संदिग्ध है और अभी तक प्रमाणित नहीं हुआ है कि वास्तविक योजना कल्याणकारी है या फिर झूठ का पुलिंदा जो शासन द्वारा अनुमोदित की गई है या नहीं| उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों से इस संबंध में बात की तो वह भी इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके|
इस मामले को लेकर उन्होंने ग्रामीणों से सतर्कता बरतने और दलालों के झांसे में नहीं आने की बात कही है| क्योंकि दलाल भोले वाले ग्रामीणों को बहकाकर इस योजना के नाम पर सैकड़ों रुपए की कमाई कर रहे हैं साथ ही उन्हें भरोसा दिला रहे हैं यह शासन की योजना है और और भविष्य में एक निर्धारित समयानुसार उन्हें शासन स्तर से 200000 रुपय कि धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी| इस धन राशि के लालच में सैकड़ों लोगों को आवश्यक प्रपत्र तैयार कराने के बाद डाकघरों के चक्कर लगाते हुए देखा जा रहा है| लेकिन इसका सही जवाब क्या है इस बात को जिम्मेदार भी नहीं बता पा रहे हैं|
भारतीय किसान मजदूर यूनियन के जिलाध्यक्ष रामबहादुर राजपूत ने प्रशसनिक अधिकारियों से जानना चाहा है कि इस योजना में कितनी सच्चाई है और अगर गलत है तो गुमराह करने वाले उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए जो सिर्फ दलाली के चक्कर में भोले-भाले ग्रामीणों को उनकी सीधी योजना बताकर गुमराह करते हैं और गुमराह करने के बाद उनसे सैकड़ों रुपए की अवैध वसूली करते हैं