लखनऊ शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत अगले सत्र से निजी स्कूलों में गरीब और अलाभित समूह के बच्चों के दाखिले की प्रक्रिया को सरकार ऑनलाइन करने का निर्णय कर चुकी है। दाखिले के लिए गरीब बच्चों को निजी स्कूलों का आवंटन जिला सतर पर केंद्रीयकृत लॉटरी के आधार पर किया जाएगा। सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय ने राज्य सूचना विज्ञान केंद्र को इसके लिए आवश्यक कार्यवाही करने के लिए पत्र भेजा है जिसकी प्रतिलिपि सभी जिलाधिकारियों, बेसिक शिक्षा निदेशक, सभी मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशकों को भेजी गई है।
लॉटरी प्रक्रिया के तहत प्रत्येक अभ्यर्थी को एक रैंडम लॉटरी नंबर आवंटित किया जाएगा। लॉटरी नंबर के आरोही क्रम में प्रत्येक अभ्यर्थी को उसकी वरीयता के आधार पर स्कूल का आवंटन किया जाएगा। स्कूलों को रजिस्टर्ड ई-मेल के जरिये बच्चों की सूची भेजी जाएगी। पोर्टल पर स्कूल अपना नाम व उसमें प्रवेश लेने वाले बच्चों की सूची प्राप्त कर सकता है। लॉटरी के बाद चयनित व निरस्त अभ्यर्थियों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से सूचना दी जाएगी। लॉटरी की तारीख को लॉटरी संचालित करने की पूरी प्रक्रिया जिलाधिकारी द्वारा पोर्टल पर लॉगिन के माध्यम से की जाएगी।
अभिभावकों द्वारा बच्चों के प्रवेश के लिए किये गए आवेदनों में से ऐसे आवेदन पत्र जिनमे पहली अप्रैल को बच्चों की आयु तीन वर्ष से अधिक और छह साल से कम है, ऐसे बच्चों का नामांकन संबंधित स्कूल द्वारा पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में किया जाएगा। बशर्ते उस स्कूल में पूर्व प्राथमिक कक्षाएं चल रही हों। ऐसे बच्चे जिनकी आयु पहली अप्रैल को छह साल से अधिक और सात वर्ष से कम है, ऐसे बच्चों का नामांकन कक्षा एक में किया जाएगा। एनआइसी हर स्कूल को एक लॉगिन आइडी और पासवर्ड देगा जिसकी सूचना बीएसए संबंधित सकूल को देंगे। अभ्यर्थी के स्कूल में प्रवेश की प्रक्रिया के समय स्कूल द्वारा पोर्टल पर लॉगिन कर अभ्यर्थी का आवेदन नंबर दर्ज किया जाएगा जिसकी सूचना वन टाइम पासवर्ड या एसएमएस के जरिये रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजी जाएगी। अभ्यर्थी वन टाइम पासवर्ड या एसएमएस को स्कूल में दिखाकर उसके प्रवेश की प्रक्रिया पूरी करेंगे। अभ्यर्थी से जुड़े सभी अभिलेख वेब पोर्टल पर डाउनलोड किया जाएगा। दाखिले की प्रक्रिया पूरी होने के बाद स्कूलवार प्रवेश की स्थिति पोर्टल पर प्रदर्शित की जाएगी। यदि किसी कारणवश स्कूल अभ्यर्थी को दाखिला नहीं देता है तो प्रधानाचार्य को उसका स्पष्ट कारण वेबपोर्टल पर सूचित करना होगा।
वेब पोर्टल पर करना होगा आवेदन
निजी स्कूलों में अपने बच्चों के प्रवेश के लिए अभिभावकों को वेब पोर्टल पर उपलब्ध ई-फार्म के माध्यम से आवेदन करना होगा। ई-फार्म में अभिभावक वरीयता क्रम में आसपड़ोस के स्कूलों का विकल्प भरेंगे।
ऑफलाइन आवेदन का विकल्प भी : अभिभावकों को ऑनलाइन आवेदन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा लेकिन यदि किन्हीं कारणों से वे ऑफलाइन आवेदन करते हैं तो ऐसे आवेदनों को संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से सत्यापित कराकर वेब पोर्टल पर अपलोड कराने की जिम्मेदारी बीएसए की होगी।