फर्रुखाबाद: बसपा में दर्जा प्राप्त मंत्री रहे सर्वेश अम्बेडकर ने बीते कुछ माह पूर्व ही अपने घर की छत पर बीजेपी का झण्डा लगाया था। मन में बीजेपी से टिकट मिलने की लालसा थी। बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही सर्वेश अम्बेडकर पार्टी के कार्यों को छोड़कर सिर्फ टिकट की जुगत में लगे रहे। लेकिन जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्होंने भी बीजेपी से किनारा कर सीएम अखिलेश यादव का हाथ थाम लिया।
सर्वेश अम्बेडकर ने फोन पर जेएनआई को बताया कि उन्हें बीजेपी में टिकट देने की बात कहकर पार्टी के नेताओं ने शामिल कराया था। उनका काफी पैसा पार्टी के प्रचार और नेताओं की आवभगत में खर्च हो गया। लेकिन अंततः उन्हें टिकट नहीं मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी कन्फ्यूज्ड लोगों का जमावड़ा है। बीजेपी में लोगों को मूर्ख बनाने की फैक्ट्री चलती है। एक बार मोदी के नाम पर काठ की हांड़ी देश की जनता ने चढ़ा दी। लेकिन अब जनता जाग गयी है।
उन्होंने कहा कि उनकी सीएम अखिलेश यादव से बात हो गयी है। उन्होंने शनिवार को औरैया में पत्नी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कन्नौज मुन्नी देवी अम्बेडकर के साथ सपा का दामन थाम लिया है। बीजेपी हिन्दुत्व की बात करती है। बीजेपी का मानना है कि जो बीजेपी में है वही हिन्दू है और जो बीजेपी में नहीं वह पाकिस्तानी है। बीजेपी दलित आरक्षण की दुश्मन है, इसलिए उन्होंने बीजेपी को छोड़कर सपा का दामन थामा है।
वहीं कायमगंज विधानसभा से बीजेपी की टिकट पाने की जुगत करती रहीं डा0 सुरभी दोहरे गंगवार को भी बीजेपी से टिकट नहीं मिला था तो उन्होंने बीजेपी को छोड़कर सपा से टिकट हासिल कर लिया।