लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनावों को लेकर गठबंधन करने वाली समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने चुनाव प्रचार का शंखनाद कर दिया है. रविवार को लखनऊ के ताज होटल में आयोजित संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में सीएम अखिलेश और राहुल गांधी एक साथ पहुंचे| सीएम अखिलेश ने राहुल गाँधी को सपा की साइकिल का दूसरा पहिया बताया|
राहुल गांधी जहां सीधे एयरपोर्ट से होटल पहुंचे, वहीं अखिलेश यादव मुख्यमंत्री आवास से पहुंचे. प्रेस कांफ्रेंस से पहले गठबंधन का नया स्लोगन ‘यूपी को ये साथ पसंद है’ जारी किया गया, ये स्लोगन ‘बेबी को बेस पसंद है’ गाने की तर्ज पर बनाया गया है|
अधिकतर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों से निकलेगा रोड शो
संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के बाद दोपहर 2 बजे से राहुल और अखिलेश का करीब 12 किलोमीटर लंबा रोड शो शुरू होगा. इसकी शुरुआत दोनों नेताओं द्वारा हजरतगंज में गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण करके होगी. गांधी प्रतिमा से दोनों नेता हजरतगंज होते हुए लालबाग पहुंचेंगे. यहां से कैसरबाग की तरफ मुड़ जाएंगे और रोड शो नजीराबाद होते हुए अमीनाबाद चौराहे पहुंचेगा|
अमीनाबाद से रोड शो मौलवीगंज होते हुए रकाबगंज चौराहा, फिर नक्खास चौराहा पहुंचेगा. यहां से रोड शो चौक चौराहा होते हुए घंटाघर पहुंचेगा. घंटाघर पर रोड शो जनसभा में तब्दील हो जाएगा. यहां दोनों नेता जनता को संबोधित करेंगे| दिलचस्प बात ये है कि रोड शो का जो रूट बनाया गया है, उसमें ज्यादातर इलाके मुस्लिम बाहुल्य इलाके आते हैं. इनमें अमीनाबाद, मौलवीगंज, रकाबगंज, नक्खास, चौक, घंटाघर शामिल हैं|
गठबंधन के बावजूद यूपी में बहुकोणीय मुकाबले के आसार
उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी से 8 मार्च के बीच सात चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के अखिलेश धड़े के बीच गठबंधन के बावजूद बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा| केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के बाद जिस तरह से बीजेपी को दिल्ली और बिहार में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. वैसे में उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है|
मुख्यमंत्री चेहरे को सामने न लाकर एक बार फिर बीजेपी ने पीएम मोदी के चेहरे पर दांव खेला है. इसका कितना फायदा उसे इन चुनावों में मिलेगा वह 11 मार्च को सामने आ ही जाएगा| इस बार उत्तर प्रदेश चुनावों में समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के अलावा प्रदेश की कानून-व्यवस्था, सर्जिकल स्ट्राइक, नोटबंदी और विकास का मुद्दा प्रमुख रहने वाला है. जहां एक ओर बीजेपी और बसपा प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर अखिलेश सरकार को घेर रही हैं, वहीं विपक्ष नोटबंदी के फैसले को भी चुनावी मुद्दा बना रहा है.
यूपी विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं. 2012 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने 224 सीट जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी. पिछले चुनावों में बसपा को 80, बीजेपी को 47, कांग्रेस को 28, रालोद को 9 और अन्य को 24 सीटें मिलीं थीं.