दिल्ली: समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर लगभग सहमति बन गई है कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, समाजवादी पार्टी 105 सीटें कांग्रेस को देने पर तैयार हो गई है| हालांकि, इसका अब तक औपचारिक एलान नहीं किया गया है|
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर लगभग सहमति बन गई है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, समाजवादी पार्टी 105 सीटें कांग्रेस को देने पर तैयार हो गई है. हालांकि, इसका अब तक औपचारिक एलान नहीं किया गया है| दरअसल, कांग्रेस के चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर और प्रियंका वाड्रा के दूत धीरज श्रीवास्तव रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात करने वाले हैं| इस बैठक के बाद उम्मीद की जा रही है कि गठबंधन को लेकर आखिरी निर्णय सामने आ जाएगा| सपा सूत्रों के अनुसार, इस मामले में अखिलेश सकारात्मक दिख रहे हैं. इसमें कांग्रेस ने थोड़ा लचीला रुख अपनाया तो गठबंधन हो सकता है| उधर, कांग्रेस के नेता भी कुछ ऐसी बात अखिलेश के लिए कह रहे हैं. उनका कहना है कि गठबंधन दोनों की मजबूरी है. जाहिर है कि इसके लिए अखिलेश यादव को थोड़ा समझना होगा|
सीटों को लेकर मतभेद
प्रशांत किशोर और धीरज श्रीवास्तव की मुलाकात अखिलेश से शनिवार शाम भी हुई थी, लेकिन उस बैठक में कुछ खास नतीजा नहीं निकला. इसी क्रम में रविवार सुबह एक बार फिर बातचीत होने की संभावना है. पता चला है कि कांग्रेस ने 120 सीटें मांगी है, लेकिन अखिलेश 100 सीटों से अधिक देने को तैयार नहीं हैं| प्रशांत किशोर और धीरज की पहले दौर की बातचीत का कोई ठोस नतीजा नहीं निकाला. रायबरेली ओर अमेठी के अलावा पश्चिम उत्तर प्रदेश की कई सीटों को लेकर गतिरोध बना हुआ है. दरअसल, कांग्रेस चाहती है कि इन जिलों की सारी सीटें गठबंधन के तहत कांग्रेस को मिले. वहीं समाजवादी पार्टी इस बात को इस आधार पर खारिज कर रही है कि वहां सपा के जीते विधायक हैं|
फिलहाल माना जा रहा है कि कांग्रेस की तरफ से थोड़ा रुख में नरमी गठबंधन पर बात बना सकती है. इससे पहले सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा था कि कांग्रेस 125 सीटें मांग रही है और हम 100 तक देने को तैयार हैं. कांग्रेस जिद्द पर अड़ी है. वह ऐसा व्यवहार कर रही है, जैसे यूपी में वह बहुत बड़ी पार्टी हो और उसके बिना कुछ नहीं हो सकता|
सात चरणों में होना है चुनाव
उधर, गठबंधन को लेकर कांग्रेसी नेता अभी भी उम्मीद में हैं. पार्टी के यूपी प्रभारी और महासचिव गुलाम नबी आजाद ने साफ किया है कि पार्टी ने पहले और दूसरे चरण के प्रत्याशी फाइनल कर दिए हैं. इन सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारियां हो चुकी हैं, लेकिन बातचीत के रास्ते अभी बंद नहीं हुए हैं| उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी से 8 मार्च के बीच सात चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी के अखिलेश धड़े के बीच गठबंधन अगर होता भी तो इसके बावजूद भी बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा|
केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के बाद जिस तरह से बीजेपी को दिल्ली और बिहार में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है, वैसे में उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. मुख्यमंत्री चेहरे को सामने न लाकर एक बार फिर बीजेपी ने पीएम मोदी के चेहरे पर दांव खेला है. इसका कितना फायदा उसे इन चुनावों में मिलेगा वह 11 मार्च को सामने आ ही जाएगा|
यूपी विधानसभा में कुल 403 सीटें
इस बार उत्तर प्रदेश चुनावों में समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के अलावा प्रदेश की कानून व्यवस्था, सर्जिकल स्ट्राइक, नोटबंदी और विकास का मुद्दा प्रमुख रहने वाला है. जहां एक ओर बीजेपी और बसपा प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर अखिलेश सरकार को घेर रही हैं, वहीं विपक्ष नोटबंदी के फैसले को भी चुनावी मुद्दा बना रहा है.
यूपी विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं. 2012 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने 224 सीट जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी. पिछले चुनावों में बसपा को 80, बीजेपी को 47, कांग्रेस को 28, रालोद को 9 और अन्य को 24 सीटें मिलीं थीं.