फर्रुखाबाद: जंहा एक तरफ बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपना जन्म दिन बड़े ही सादगी से मनाने के निर्देश अपने विधानसभा के प्रत्याशीयों को दिये थे| लेकिन इसके बाद भी माया के बर्थ-डे पर अव्यवस्थाओ के चलते दलितों को धक्के ही खाने पड़े| कही केक के नाम पर तो कही लड्डू के नाम पर| मंच से दलितों का उत्थान करने की बात करने वाले नेता शायद यह नही देख रहे थे कि बसपा की भाषा में दलितों की मसीहा कही जाने मायावती के चार बार मुख्यमंत्री बनने के बाद आज भी प्रदेश का दलित कितना आगे आ पाया|
सर्वधर्म हिताय और सर्वधर्म सुखाय की बात करने वाली बसपा पार्टी के सदर प्रत्याशी मो० उमर खां ने भोलेपुर पीतम नगला के एक गेस्ट हाउस में पूर्व मुख्यमंत्री का जन्मदिन मनाया| जिसमे उन्होंने परमिशन जन्मदिन मनाने की ली गयी थी| लेकिन जातिवाद और सम्प्रदायवाद की जमकर तीर छोड़े गये| जो कही ना कही से आचार संहिता को भी घायल करते हुये निकले| बसपा नेताओ ने जन्मदिन को पूरी तरह अपने हिसाब से आयोजित किया| हालाँकि तेज साउंड सुनकर पुलिस और उड़नदस्ता भी मौके पर पंहुचा और कार्यक्रम करने का आदेश देख बैरंग हो गया| हालाँकि उस आदेश में यह भी लिखा था की ध्वनि विस्तारक यंत्र धीमी गति से बजायें जाये|
बैठक में बीजेपी पर नोटबंदी से खफा पूर्व जिलाध्यक्ष अजय भारती अपना आपा खो बैठे उन्होंने कहा की आने वाले विधान सभा चुनाव के बाद जनता नोटबंदी से आक्रोशित होकर बीजेपी नेताओ को जूतों से मारेगी| वही मुख्यअतिथि रजनीकान्त कुशवाह ने कहा कि बीजेपी सरकार की सोची समझी साजिश है और राजनीतिक स्वार्थ में लिये गये इस फैसले से देश का आम आदमी अभी तक उबर नहीं पाया है। उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में लिये गये इस फैसले से देश की जनता विशेषकर मध्यम वर्ग अभी उबर नहीं पा रहा है। इजाज नूरी ने कहा कि उनके समाज और दलित समाज को प्रदेश में एक जाति विशेष ने आगे नही आने दिया| अब हम हिन्द में हुकूमत करके रहेंगे|
इसके बाद जन्मदिन का केक काटा गया| जिसमे कार्यक्रम में आये कार्यकर्ता को मंच से अपील की गयी की कोई भी केक लेने नही आयेगा| सभी को कुर्सी पर ही केक मिलेगा| कुछ देर तक तो सब ठीक-ठाक चला लेकिन सुबह से बैठे लोग आक्रोशित हो गये| उन्होंने खुद केक लेने का प्रयास किया| कार्यक्रम समाप्त होने के बाद नेता मंच से खिसक लिये और मुख्य अतिथि रजनी कान्त कुशवाहा को खुद मोर्चा लेना पड़ा| इस दौरान कई बार उनका खुद बीबीएफ से विवाद हुआ और कुछ लोगो को बीबीएफ ने अभद्रता कर धक्का दे दिया| जिससे कई लोग आक्रोशित होकर घर लौट गये| हालांकि आयोजको का कहना है कि किसी के साथ भी धक्का-मुक्की नही की गयी| केक लेने के चक्कर में यह हो जाता है |
महेन्द्र कटियार, शरद श्रीवास्तव, रामनरेश गौतम, जवाहर सिंह गंगवार आदि मौजूद रहे|