फर्रुखाबाद: (दीपक शुक्ला)कोई कैसे कहे की अगले जनम मोंहे बिटिया ही कीजै नोटबंदी से बेटी की शादी को लेकर परेशान मां बाप और परिवार के लोग रुपयों का इंतजाम करने में जुटे हैं। नोट बंदी को भले ही कोई मोदी का सही कोई गलत फैसला बता रहा हो, लेकिन सही मायने में नोटबंदी ने उन घरों की खुशियों पर ग्रहण लगा दिया है जहां बेटी के हाथ पीले होने हैं। पिता बेटी की चिंता में बैंको और अफसरों के चौखटों पर चप्पल घिस-घिस कर परेशान है लेकिन अधिकतर को कोरा आश्वासन ही मिला|
थाना जहानगंज के ग्राम रायपुर निवासी राकेश शुक्ला अपनी आँखों में आंसू लिये सिटी मजिस्ट्रेट के कार्यालय में घुसे उनके साथ उनकी पुत्री वन्दना भी थी| जिसके हाथ 23 नवम्बर को पीले होने है| राकेश के हाथ में दो शिकायती पत्र थे| एक आर्यावर्त ग्रामीण बैंक जहानगंज का और एक कन्नौज की बैंक का| उन्होंने सीएम को बताया कि दोनों बैंको के मैंनेजर ने उनसे डीएम का आदेश लाने को कहा है| राकेश ने सीएम से अपना दर्द बताते हुये कहा कि बेज्जती हुई जा रही है साहब बारात आने वाली है साहब हम बेटी के लिये मेंहदी खरीदने की जगह दफ्तरों के चक्कर काट रहे है| घर में धेला नहीं है। ऐसे में मुझे रिश्तेदारों से लेकर वर पक्ष के सामने हाथ फैलाने पड़ रहे हैं। इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।बैंक केबल 4000 हजार रुपये ही दे रही है| सीएम ने आर्यावर्त बैंक को भुगतान करने के आदेश दिये|थाना मऊदरवाजा क्षेत्र के भीकमपूरा निवासी रजनी देवी पत्नी प्रदीप बीते 7 दिन से सेठ गली स्थित बैंक ऑफ बडौदा के बाहर लाइन में लगकर आरती के विवाह के लिये रुपये निकालने के लिये खडी हो रही है| 23 नवंबर को उसकी बारात दरवाजे पर आयेगी| उसकी भी आँखों में आंसू छलक रहे थे| लेकिन सिवाय धक्के के उसे कुछ भी नसीब नही हुआ| आठवें दिन भी उसे एक टोकन देकर मंगलवार को आने के लिये कह दिया| उसका आरोप है की मैनेजर बड़े लोगो का काला पैसा लाखो में बदल रहे है| पूरा परिवार इस बात को लेकर चिंतित है कि आखिर वे कैसे करेंगे इंतजाम। गरीब की कोई नही सुनता| वह भी घर वापस लौट गयी| रजनी देवी ने कहा कि पिछले दिनों जब यह खबर आई कि बैंक में शादी का कार्ड दिखाकर खाते से ढ़ाई लाख रुपए तक लिए जा सकते हैं| लेकिन हकीकत कुछ और ही निकली | परिवार की परेशानी देखकर रजनी रो पड़ी। बुधवार को बेटी की बारात आना है अब क्या होगा आखिर बेटी की शादी अब कैसी होगी। उनकी बेटी आरती का तो रो रोकर बुरा हाल है उसका कहना है कि मोदी जी ही बताएं अब न जाने क्या होगा।
अब कैसे बीमार पति का इलाज
सेठ गली स्थित बैंक ऑफ बडौदा के बाहर लाइन में लगी हरीन बानो ने जेएनआई को बताया कि इसी बैंक में उसका खाता है| करीब 5 दिन पूर्व उसके पति का पैर टूट गया था| जिससे मजदूरी कर रहे पति चारपाई पकड़ कर बैठ गये| घर में धेला नहीं बचा| डाक्टर बिना पैसे इलाज नही कर रहे| वह चार दिन से बैंक की लाइनो में लगकर वापस लौट रही है |
सपा विधायक नरेन्द्र सिंह यादव ने बताया कि काला धन रखने वाले अपना काम पूरा कर रहे है| जिससे जनता को परेशानी हो रही है| मोदी को और अधिक मेंहनत करने की जरूरत है| उन्होंने कहा की नोट बंदी ठीक है लेकिन अकेला गरीब ही क्यों परेशान है यह बीजेपी को देखना चाहिए|