लापरवाही: आयुष के शव का पोस्टमार्टम ना कराने में फंसी पुलिस

CRIME FARRUKHABAD NEWS POLICE

ayushफर्रुखाबाद: पुलिस के भी लापरवाही के खेल निराले है| बीते मंगलवार को माँ अंचल कटियार की आँखों के सामने उसके मासूम बेटे आठ वर्षीय आयुष पुत्र नीलू कटियार को टैम्पो चालक ने मौत के घाट उतारा दिया था| पुलिस ने तहरीर मिलने पर सीओ के आदेश पर मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन शव का पंचनामा भरने और पोस्टमार्टम कराने कोई आया ही नही| जिससे परिजनों में आक्रोश व्याप्त है| बाद में उन्होंने लम्बे इंतजार के बाद बुधवार को शव का अंतिम संस्कार कर दिया|

बीते दिन मंगलवार नीलेश कटियार उर्फ़ नीलू निवासी ग्लोबल काम्प्लेक्स आवास विकास का पुत्र आरुष अपने बड़े भाई आर्यन के साथ घर से सड़क पार कर कुछ सामान लेने गया था| जब दोनों वापस लौट रहे थे तभी वन विभाग कार्यालय से आरके अस्पताल की तरफ तेजी से आ रहे टैम्पो चालक ने मासूम आरुष के जोरदार टक्कर मार दी थी | जिससे वह गिर गया| अचानक ब्रेक लगने से टैम्पो उसके ऊपर ही पलट गया| जिससे आरुष के गम्भीर चोटे आयी| परिजन उसे लेकर आवास विकास के एक निजी अस्पताल में पंहुचे| जंहा उसे मृत घोषित कर दिया गया| आवास विकास चौकी के कुछ सिपाही आये और मौके पर पलटा पड़ा टैम्पो उठाकर ले गये| लेकिन शव के विषय में जानकारी लेना उचित नही समझा|

घटना के सम्बन्ध में शाम लगभग 7 बजे मृतक के पिता नीलू कटियार ने कोतवाली पुलिस को तहरीर दी| कोतवाली में सीओ आलोक कुमार मौजूद थे| उनके आदेश पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 279 व 304 ए के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया| विवेचना दरोगा राजेन्द्र सिंह को दी गयी | बुधवार को परिजन पंचनामा भराने के इंतजार में दोपहर तक बैठे रहे| लेकिन कोई भी पुलिस कर्मी मौके पर नही आया| जिसके बाद परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया| जिसके बाद परिजनों ने सीओ सिटी आलोक कुमार को पुलिस की लापरवाही की सूचना दी| उन्होंने शहर कोतवाल अजीत सिंह को साथ लेकर मृतक के घर पंहुचे| पुलिस को देखते ही आक्रोशित परिजनों ने सबालो की बौझार कर दी| सीओ सिटी आलोक कुमार ने माना कि पुलिस से गलती हुई है| उन्होंने परिजन से पुलिस की लापरवाही के लिय सॉरी कहा और लापरवाह पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही के संकेत दिये| उन्होंने मौके पर मौजूद कोतवाल अजीत सिंह पर नाराजगी व्यक्त की| उन्होंने कहा कि दुर्धटना वाले मामलों में पोस्टमार्टम रिपोर्ट कोई खास मायने नही रखती|

वरिष्ठ अधिवक्ता दीपक द्विवेदी ने बताया पुलिस को शव का पोस्टमार्टम तहरीर मिलने के बाद कराना चाहिए था| पोस्टमार्टम रिपोर्ट ही कोर्ट में साबित करती है| की मृतक के शरीर पर कितनी चोटे है और उनकी मौत कैसे हुई है| यदि पोस्टमार्टम रिपोर्ट नही है तो आरोपी को अपना बचाव करने में पूरा मौका मिलेगा| बिना पोस्टमार्टम के किसी भी प्रकार का क्लेम भी नही हो सकता| पुलिस की सीधी लापरवाही है|

एसपी सुभाष सिंह बघेल ने जेएनआई को बताया कि मामले में यदि लापरवाही हुए है तो जाँच कराकर दोषियों पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही की जायेगी|