शहाबुद्दीन जेल से रिहा, नीतीश कुमार पर साधा निशाना

CRIME FARRUKHABAD NEWS Politics

shabuddin1बिहार: हत्या के मामले में 12 साल बाद जेल से बाहर निकले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन का तेवर और अंदाज नहीं बदला। उसने चिर-परिचत अंदाज में बेबाकी से संवाददाताओं के सवालों का जवाब दिया। नीतीश या लालू में कौन बेहतर? सवाल जवाब देते हुए शहाबुद्दीन ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। उसने नीतीश कुमार को परिस्थितियों का मुख्यमंत्री बताया।

इस दौरान शहाबुद्दीन ने लालू यादव को ही अपना नेता बताते हुए दोहराया कि पूरा राज्य जानता है कि वह किसके साथ थे, किसके साथ हैं और किसके रहेंगे और इसको लेकर कोई विवाद नहीं है। इस दौरान भागलपुर जेल के बाहर सैकड़ों की संख्या में शहाबुद्दीन समर्थकों ने जिंदाबाद के नारे लगाए। जेल से रिहा होते ही शहाबुद्दीन ने दावा किया कि सभी जानते हैं उसको फंसाया गया है। जमानत के सवाल पर उन्होंने कहा है कि न्यायिक मामले को राजनीति से संबंध करते ही नहीं है। राजनीति से इसका क्या लेना देना? कोर्ट में कहीं राजनीति होती है क्या? लालू यादव क्यों जेल में गए, क्या वह मुख्यमंत्री नहीं थे। उनके बाद उनकी पत्नी चीफ मिनिस्टर नहीं थी। ज्यूडिशियरी की अपनी प्रक्रिया है।

आप अपनी छवि बदलने की कोशिश करेंगे? शहाबुद्दीन ने इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा है कि मेरे जैसी छवि, वैसे ही लोगों ने मुझे 26 साल तक स्वीकारा है, जिसमें 10 साल तक मैंने पब्लिक मीटिंग नहीं की। उसके बाद से यह उत्साह आपको आश्चर्य चकित नहीं करता। पत्नी को टिकट के सवाल पर उन्होंने कहा है कि हमने कभी इसकी इच्छा ही जाहिर नहीं की। बैक डोर पॉलिटिक्स किया ही नहीं। हम अपने गांव 13 साल बाद जा रहे हैं।

आपके रिहा होने से लोग डरे हुए हैं? मैं नही जानता ये कौन है? सिवान में 22 लाख लोग रहते हैं। सबको संतुष्ट नही कर सकता है। उस सिटी की मैजोरिटी क्या कह रहा है। एक व्यक्ति को आप इंगित करते हैं। कोई डरा हुआ नहीं है। बता दें कि कभी बिहार की सियासी गलियारे में धमक रखने वाला पूर्व सांसद और आरजेडी का बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन आज 12 साल बाद भागलपुर जेल से जमानत पर रिहा हो गया। जेल से निकलते शहाबुद्दीन 1300 गाड़ियों के काफिले के साथ सीवान रवाना हो गया। 16 अगस्त, 2004 को सीवान में दो सगे भाइयों गिरीश और सतीश राज को अगवा करने के बाद उनकी तेजाब से जला कर हत्या कर दी गयी थी। इसक बर्बर हत्याकांड के गवाह और दोनों पीड़ितों के सगे भाई राजीव की भी 16 जून 2014 को गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसी मामले में शहाबुद्दीन को हाईकोर्ट से जमानत मिली थी।