मकर संक्रांति को लेकर मतभेद: 14 या 15 जनवरी?

Uncategorized

प्रतिवर्ष 14 जनवरी को मनाए जाने वाले मकर संक्रांति पर्व को लेकर इस बार ज्योतिषियों में मतभेद हैं। ज्योतिष के अनुसार जब सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करता है तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा जबकि कुछ ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को रहेगा। अधिकांश ज्योतिषियों का यही कहना है कि मकर संक्राति पर किए जाने वाले स्नान, दान आदि धार्मिक कर्मकाण्ड 15 जनवरी को ही करना श्रेष्ठ रहेगा।

पं. आनन्दशंकर व्यास के अनुसार सूर्य 14 जनवरी को रात 12:25 को मकर राशि में प्रवेश करेगा इसलिए उसका पुण्यकाल 15 जनवरी को माना जाएगा। इस दृष्टि से मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को ही मनाया जाएगा। स्नान व दान-दक्षिणा का महत्व भी इस दिन माना जाएगा। पं. मनीष शर्मा के मतानुसार मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही मनाई जाएगी।

पं. अमर डिब्बेवाला का भी यही मत है कि सूर्य 14 जनवरी को मध्य रात्रि को मकर राशि में प्रवेश करेगा उसके अनुसार मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को ही रहेगा तथा स्नान व दान का महत्व भी इसी दिन का रहेगा।

वहीं पं. श्यामनारायण व्यास का कहना है कि सूर्य 14 जनवरी की शाम 6:44 पर मकर राशि में प्रवेश करेगा। चूंकि मकर संक्रांति का पुण्य काल 6 घंटे पूर्व प्रारंभ हो जाता है इसलिए मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को दिन 12:44 से प्रारंभ होगा। इस दिन स्नान व दान का महत्व भी दोपहर बाद ही माना जाएगा।