नई दिल्ली:15 अगस्त यानी जिस दिन देश को अंग्रेजों से आजादी मिली उसी दिन देश पर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है। खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट दिया है कि इस बार लाल किले की प्राचीर से भाषण के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सरहद पार बैठे आतंकवादी संगठन एक बड़ा हमला कर सकते हैं।
दो नाम सामने हैं – पहला लश्कर – ए – तैयबा जिसका मुखिया है आजतक कश्मीर का राग अलाप रहा हाफिज मोहम्मद सईद तो दूसरा जैश-ए-मोहम्मद जिसका मुखिया मसूद अजहर भी पाकिस्तान की गोद में खेल रहा है। यही वजह है कि पहली बार उस प्राचीर पर तैनात होने जा रही है एक ऐसी आंख जिसकी नजर में दिल्ली का पूरा दिल होगा। बताया जा रहा है कि इन दोनों आतंकवादी संगठनों के निशाने पर भारत की आजादी है, उसका जलसा है।
15 अगस्त को पीएम मोदी पर ये हमला सीधे आसमान से किया जा सकता है। कहा जा रहा है कि इसके लिए ये आतंकी ड्रोन का इस्तेमाल कर सकते हैं – ड्रोन यानि आसमान में उड़ता एक ऐसा उपकरण जिसे सिर्फ एक रिमोट कंट्रोल से उड़ाया जा सकता है। ऐसे कई घातक ड्रोन जंग के मैदान में इस्तेमाल किए जा रहे हैं। ऐसे भी ड्रोन आ चुके हैं जिनमें स्टेन गन लगी होती है और जो रिमोट दबाते ही गोलियों की बरसात कर देती है। ऐसे भी ड्रोन आ चुके हैं जिनमें बम बांधकर उसे नीचे गिरा कर धमाका किया जा सकता है।
ये पहली बार है जब लाल किले में भाषण देना प्रधानमंत्री के लिए इस कदर जोखिम भरा साबित हो सकता है। ड्रोन खरीदना और उसे तैयार करना बेहद आसान काम है इसीलिए भले ही ये ड्रोन छोटा हो लेकिन उसका खतरा बेहद बड़ा है। समझिए ये ड्रोन सुरक्षा एजेंसियों के सिर पर खतरा बन कर नाच रहा है। ऐसे किसी भी ड्रोन से बचने के लिए इस बार लालकिले पर दो महारथी तैनात किए जा रहे हैं। ये हैं खास किस्म के एचडी कैमरे। ये कैमरे कम कमांडो ज्यादा हैं। क्योंकि ये कैमरे लालकिले के गुंबद से लेकर चारों तरफ के 20 किलोमीटर परिधि के इलाके को देखेंगे। उनकी नजर से आसमान में उड़ता कोई परिंदा भी बच न पाएगा।
दोनों कैमरे लाल किले की उस गुंबद पर लगाए जाएंगे जहां से प्रधानमंत्री भाषण देते हैं। एचडी तकनीक से लैस इस कैमरे को 101 गुना जूम किया जा सकता है। ये कैमरे 20 किलोमीटर दूर तक देख सकते हैं, नजर रख सकते हैं। यानी लाल किले से 20 किलोमीटर दूर तक हवा में होने वाली हर हरकत को ये कैमरे पकड़ लेंगे। ये कैमरा चलाएंगे एनएसजी के खास कमांडो। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात किए जाने वाले इस पहरेदार का नाम है फ्यूजीनॉन डिजीपॉवर 101। इसे जापानी कंपनी फ्यूजी फिल्म्स ने बनाया है। एक कैमरे की कीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपये हैं यानी दोनों कैमरे 3 करोड़ रुपये में खरीदे गए हैं।