फर्रुखाबाद: जिला पंचायत फर्रुखाबाद पर समाजवादी पार्टी के कायमगंज विधायक अजीत कठेरिया की पत्नी सगुना कठेरिया के काविज होने के बाद आहुत हुई पहली बैठक हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद निरस्त हो गयी थी। जिला पंचायत की दूसरी बैठक में जिला पंचायत में रखे गये करोड़ों रुपयों के प्रस्ताव आनन फानन में महज आधे घंटे की समयावधि के अन्र्तगत बैठक की औपचारिकता निपटाकर पास कर दिये गये।
यह कोई चैकाने बाली बात नही थी। क्योकि इस करोड़ों रुपये के बजट के बटवारे का फार्मूला पूर्व में ही तय कर लिया गया था। प्रदेश के कैविना मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने फर्रुखाबाद जिला पंचायत का चुनाव अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर कायमगंज विधायक अजीत कठेरिया की पत्नी सगुना कठेरिया को लड़वाकर जिला पंचायत अध्यक्ष इस उम्मीद के साथ बनवाया कि विधायक अजीत कठेरिया समाजवादी पार्टी के निष्ठावान व समर्पित कार्यकर्ताओं को जिला पंचायत द्वारा निकलने बाले टेन्ड़रों में बरीयता देगें। लेकिन टेन्ड़रों में जो तरीका अपनाया गया है उसमें सर्वाधिक भागीदारी अन्य दल के नेताओं की है। चर्चा तो यहाॅ तक है कि विधायक अजीत कठेरिया समाजवादी पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं का फोन उठाना भी उचित नही समझते। अगर कभी धोखे से किसी कार्यकर्ता का फोन उठ भी जाता है तो टका का जबाव देते हुये कहते है कि जिला पंचायत अध्यक्ष बनने से लेकर पहली बैठक पास कराने में हमने कितने पापड़ बेले यह आपको क्या पता?
हालांकि 2017 के आसन्न विधानसभा चुनाव में कायमगंज विधानसभा से टिकट मांगने बालों की लम्बी कतार है। जिसमें ड़ा0 रश्मी गंगवार,लक्ष्मी रीटा,रामशरण कठेरिया,सहित कई सपा नेता दावेदार है। जिनकी पैरवी में समाजवादी पार्टी के फर्रुखाबाद जनपद से लेकर कई अन्य जिलों के वरिष्ठ नेता लगे हुये हैं।