मुख्तार पर सपा में रार, अखिलेश नाराज! शिवपाल बोले-पार्टी में सब बढ़िया चल रहा है

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akhilesh yadavनई दिल्ली: यूपी चुनाव के मद्देनजर समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह के नए दांव से उनके घर में ही संग्राम छिड़ गया है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के सपा में विलय पर सीएम अखिलेश यादव बेहद नाराज हैं। इस नए सियासी फैसले से उन्हें अपनी इमेज की चिंता सता रही है।
मुख्तार अंसारी को सपा में लिए जाने से अखिलेश किस कदर नाराज हैं इसकी बानगी अब देखने को भी मिल रही है। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश ने आज के तमाम कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। आज वह किसी से नहीं मिल रहे हैं। इन सबके बीच अखिलेश के घर पर सपा के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हो रही है। शिवपाल सिंह यादव, राजेंद्र चौधरी, रामगोविंग चौधरी पहुंच चुके हैं। सूत्रों की मानें तो इसे लेकर अखिलेश और चाचा शिवपाल यादव के बीच भारी मतभेद हैं। लेकिन सीएम कैंप की तरफ से कुछ खुलकर नहीं कहा जा रहा है। ताकतवर मंत्री बलराम यादव की कैबिनेट से विदाई के मामले को अखिलेश की नाराजगी के रूप में ही देखा जा रहा है।

कल शिवपाल की मौजूदगी में ही मुख्तार की पार्टी का विलय सपा में हुआ था। इस दौरान उनका भाई अफजाल अंसारी मौजूद था। वहीं मुलायम ने 25 जून को केंद्रीय संसदीय बोर्ड की मीटिंग बुलाई है। इसी मीटिंग में मुख़्तार पर फैसला लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक बलराम यादव को क्यों बर्खास्त किया गया, इस पर भी चर्चा होगी और साथ ही QAD के विलय से पार्टी की छवि पर क्या असर पड़ेगा, इस पर भी चर्चा होगी। सूत्रों के मुताबिक यूपी कैबिनेट का विस्तार 27 जून को हो सकता है।

वहीं अखिलेश के करीबी सूत्रों के मुताबिक माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव की छुट्टी कौमी एकता दल के सपा में विलय को लेकर नहीं हुई। सीएम उनके कामकाज से खुश नहीं थे। इस संबंध में फैसला 2 हफ्ते पहले ले लिया गया था। उधर, शिवपाल यादव ने कहा कि कौमी एकता दल मुख्तार अंसारी की पार्टी नहीं है। मुख्तार सपा में नहीं आए हैं। बलराम यादव को पार्टी में दरकिनार नहीं किया गया है। हमारी पार्टी में सब कुछ बढ़िया चल रहा है। पार्टी में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। नेताजी का फैसला हर किसी को स्वीकार्य है।