टूटे हुये पैर के दर्द और गरीबी के बीच झूल रही वृद्ध बेबा को मदद की दरकार

FARRUKHABAD NEWS Politics

sadhnaफर्रुखाबाद: आज वृद्ध साधना को क्या चाहिए मोदी या मुलायम? उस गरीब महिला को अब भूख ने भी छोड़ दिया है| घर ने टूटे फूटे बर्तन और बंद पड़ा चूल्हा आने वाले भविष्य की तरफ इशारा कर रहा है| महिला को अपनी चिंता नही क्योंकि उसने तो यह मान लिया है की उसकी मदद कौन करेगा| उसे चिंता है तो अपनी दो मासूम बेटियों को जो अभी किशोरावस्था में चल रही है| उनके भविष्य को लेकर भाबना आंसू बहा रही है| कहते है की जिसके पास सब कुछ होता है उसे देने वाले भी सीना खोल कर देते है और जिसके पास देने को कुछ भी नही होता उससे समाज के अधिकतर लोग भी मुंह मोड़ लेते है| अपने घर के एक टूटे फूटे कमरे में दर्द से कराह नही वृद्ध महिला साधना को कोई उम्मीद नही की वह अब जमीन पर दोबारा पैर भी रख सकेगी| आखिर क्या हुआ साधना के साथ यह भी कोई सुनने को तैयार नही|

बीते दिनों शहर क्षेत्र के ग्राम सातनपुर निवासी वृद्ध महिला साधना पत्नी चन्द्रकिशोर वर्मा शहर से पैदल अपने घर आ रही थी| तभी उसके गाँव के निकट एक सांड ने महिला को जमीन पर पटक दिया| जिससे उसकी सीधे पैर की हड्डी टूट गयी| महिला घटना स्थल पर काफी समय पड़ी रही| जिसके बाद परिजनों को सूचना मिलने पर परिवार वाले मौके पर पंहुचे और महिला को एक अस्पताल में दिखाया| एक्सरे में पता चला की महिला की जाँघ की हड्डी टूट गयी है| परिवार ने सोंचा कुछ रुपयों में काम चल जायेगा लेकिन चिकित्सक ने जब रकम बतायी तो परिजनों के पैरो तले जमीन खिसक गयी|

परिवार वाले उसे घर ले आये| तभी किसी ने उसे लोहिया अस्पताल में दिखाने की सलाह दी| महिला की दोनों छोटी बेटी और परिजन उसे किसी तरह शुक्रवार को लोहिया अस्पताल लेकर पंहुचे| लेकिन हड्डी रोग विशेषज्ञ ने उसके उपचार में असमर्थता व्यक्त की| उन्होंने बताया की इस तरह की हड्डी टूटने का इलाज उनके पास नही है| डाक्टर के इतना कहते ही लाचार महिला की आँखों में आंसू आ गये| उसने दर्द में तडपते हुये अपनी दोनों बेटियों के सर पर हाथ रखकर कहा की घर चलो जब ऊपर वाले ने यही नसीब में लिखा है तो कोई क्या कर सकता है|

महिला को देखकर लगा की कितनी अजीब बात है दिल्ली या पाकिस्तान में यदि कोई घटना या दैवीय आपदा आ जाये तो जनपद के तमाम संघटन सडको पर कैंडिल मार्च निकलते उन्हें आर्थिक मदद देने के लिये दुकान-दुकान चंदा करते नजर आते है| यह देखने वाली बात है की यदि अपने शहर में कोई गरीब बीमारी से जूझ रहा है और परिबार भूख मरी की कंगार पर है तो समाज के कौन-कौन लोग उसकी मदद के लिये आगे आते है| महिला के पति का स्वर्गवास वर्षो पहले हो चुका है| दो बेटे भी है जो मजदूरी करते है|

महिला की मदद के लिये आप जेएनआई के 9453017 100 पर सम्पर्क कर सकते है|