फर्जी आंकड़ेबाजी में समन्वयक का कटा वेतन

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उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा विभाग में मिड डे मील योजना को जिलों में इस योजना को संचालित करने के लिए प्राधिकरण लाखो रुपये नियुक्त कर्मिओ के वेतन और भत्तो पर खर्च करता है| मिड डे मील के लिए बाकायदा अलग से सेल बनायीं गयी है| प्राधिकरण ने मिड डे मील पर नियंत्रण रखने और सुचारू रूप से चलाने के लिए पूरा दस्ताबेज ऑनलाइन कर दिया है| सभी विभागीय काम अब ऑनलाइन होते है| मिड डे मील की कन्वर्जन कास्ट, खाद्यान, रसोइये का मानदेय से लेकर टास्क फ़ोर्स के निरीक्षण तक ऑनलाइन रिपोर्टिंग करने के आदेश जिलों में तैनात इस उनित के कर्मिओ को दिए गए| मगर इन मानदेय कर्मिओ को काम करने में कोई रूचि नहीं दिखती| हाँ वेतन बढ़ाने में अभियान चलाने में इन कर्मिओ को सक्रियता से इंटरनेट का इस्तेमाल जरूर करते देखा गया है|

१४/१५ दिसम्बर को प्रदेश के मुख्यालय लखनऊ में मिड डे मील अभिकरण की बड़ी बैठक में सभी जिलों के समन्वयक और मंडल समन्वयको की हुई बैठक में अपर निदेशक संतोष कुमार ने कड़ी फटकार लगायी| लगभग दर्जन भर से ज्यादा समन्वयको के वेतन योजना के सुचारू रूप से चलाने में रूचि न लेने और फर्जी तथा गलत ऑनलाइन व् ऑफलाइन रिपोर्टिंग पर काटने का आदेश जिलो के बेसिक शिक्षा अधिकारिओ को दिया गया|

फर्रुखाबाद एमडीएम समन्वयक का भी कटा मानदेय
फर्रुखाबाद की एमडीएम समन्वयक कु नीलू मिश्रा का भी १० दिन का मानदेय काटने का आदेश अभिकरण के अपर निदेशक संतोष कुमार ने किया है| नीलू पर योजना में रूचि न लेने व् सही रिपोर्टिंग न करने का आरोप लगाया गया है| समन्वयक की लापरवाही के चलते जनपद के सैकड़ो स्कूलों को १ अप्रैल के बाद न तो रसोइयों को मानदेय मिल पाया और न ही कन्वर्जन कास्ट| जबकि प्रदेश मुख्यालय द्वारा इन मदों की धनराशी समय से जिले में न केवल भेजी गयी बल्कि इसे ग्राम सभा के खातो में स्थान्तरित करने का आदेश भी किया गया| जानकारी के आभाव में तमाम प्रधान भटकते रहे और उन्हें कहा जाता रहा कि शासन से पैसा नहीं आया| मिड डे मील को सुचारू रूप से चलने में ये भी एक रोड़ा रहा| मगर असल में बात कुछ दूसरी थी जिसका खामियाजा गाँव के लाखो बच्चो ने भुगता|

फर्रुखाबाद मिड डे मील कार्यालय से फर्जी रिपोर्टिंग के अभिकरण में पकडे जाने के बाद बार बार पत्र अभिकरण द्वारा लिखा गया कि ओपनिंग बैलेंस क्लोसिंग बैलेंस और जिले पर मौजूद खातो की स्थिति में भारी अंतर है| इसके चलते भी ये कर्मी पैसा ट्रांसफर नहीं कर पाए|