चुनावी पिटारा- उस्ताद ने नहीं पहनी किसी की टोपी!

Uncategorized

फर्रुखाबाद: फर्रुखाबाद की राजनीति में विजय सिंह ने कभी किसी की टोपी नहीं पहनी| अपने समर्थको में उस्ताद के उपनाम से चर्चित विजय सिंह अपने राजनैतिक पिटारे से कब कोई नया शिगूफा निकाल दे इस बात की उम्मीद वे अपने चाहने वालो को बंधाये रहते है| निर्दलीय से पहला चुनाव जीत दर्ज करने के बाद विजय सिंह ने समाजवादी पार्टी से भी जीत का स्वाद चखा था|

राजनीति का न कोई ईमान होता है न कोई परम्परा| इस खेल में तो बस जीत और सिंघासन हासिल करना ही लक्ष्य होता है| वर्ष 2007 के चुनाव में कई चेहरों ने अपने अपने दल बदल लिए| विजय सिंह निर्दलीय से समाजवादी पार्टी की साइकिल पर चढ़ लिए| मगर चुनाव जीतने के बाद बसपा की सरकार बनने के बाद साइकिल से उतर हठी पर चढ़ लिए| बात ठीक थी आखिर उत्तर प्रदेश की सत्ता का सिंघासन हाथी के पास जो था| मगर जो दांव विजय सिंह समाजवादी पार्ट के साथ चले थे वाही दांव उनके साथ हो गया| अनंत कुमार मिश्र उर्फ़ अंतू को जिताने के लिए पार्टी ने विजय को बड़े ही गंभीर आरोप लगाकर (उन्हें गुंडा बदमाश तक कह डाला) हाथी से नीचे उतार दिया और मेजर सुनील को लाल बत्ती का लालीपॉप दे दिया| बेचारे मेजर का लालबत्ती का लालीपॉप कब ख़तम हो गया उन्हें खुद पता नहीं चला| हाथी का काम निकल गया, मायावती के खास सिपहसलार पंडित सतीश मिश्र के भांजे अनंत मिश्र जीत गए| बसपा ने मेजर सुनील दत्त द्विवेदी को पार्टी से निकल दिया| मगर इन सबके बीच एक बात देखने वाली थी| मेजर कमल से उतर हाथी पर चढ़े तो अपने पिता स्व ब्रह्म दत्त द्विवेदी की प्रतिमा को भी नीले झंडे से पात दिया था, मगर विजय सिंह ने समाजवादी की टोपी पहनाने के बाबजूद नहीं पहनी| यहाँ दिए गए वीडिओ में विजय सिंह ने मुन्नू बाबु और सतीश के द्वारा समाजवादी पार्टी की लाल टोपी ठुकरा दी| ये वीडिओ उत्तर प्रदेश के पिछले 2007 वर्ष के आम चुनाव का है जब विजय सिंह समाजवादी पार्टी से नामांकन करने कचहरी पहुचे थे| नामांकन के दौरान निवर्तमान जिलाध्यक्ष सतीश दीक्षित, पूर्व सांसद चन्द्र भूषण सिंह और विधायक नरेन्द्र सिंह के साथ विजय सिंह पहुचे थे| सभी समाजवादी पार्टी की लाल टोपी पहने थे मगर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी विजय सिंह ने टोपी नहीं पहनी थी| इसी दौरान सतीश दीक्षित ने चुटकी ली कि विजय सिंह को भी कोई टोपी पहनाओ, इस पर मुन्नू बाबु ने अपनी टोपी उतार विजय सिंह को देनी चाही तो विजय सिंह ने ससम्मान लौटा दिया| इस पर मुन्नू बाबु ने चुटकी ली- ये विजय है जाने कितनो को टोपी पहना चुके है….| देखिये और वीडिओ का आनंद उठाइए-