फर्रुखाबाद: बीते दिनों तत्कालीन शहर कोतवाल राजकुमार को मौत के घाट उतारने वाले शातिर हिस्ट्रीशीटर पप्पू कोरी के तार अजय पाल की हत्या से जुड़े होने की चर्चा तेज है| चर्चा है की कराने में कोरी ने ही सुपारी ली थी|
बाग लकूला निवासी अजय पाल सिंह का उसके पड़ोसी रहे पप्पू कोरी से 36 का आंकड़ा रहा है| दोनों अपने वर्चस्व को लेकर आने दिन चर्चा में रहते थे| सूत्र बताते है कि कोतवाल की हत्या करने वाला कोरी जेल के भीतर से ही अपना गिरोह चला रहा है| उसके भी तार अजय की हत्या से जुड़े हो सकते है| सूत्र बताते है की अजय की हत्या में पप्पू कोरी का भी हाथ है| उसने किराये के लोगो से सुपारी देकर अजय की हत्या करायी है| सुपारी पकड़े गये लोगो ने दी या किसी अन्य ने यह जाँच का विषय है| वही अजय पाल की पत्नी की बात का यकीन करे तो इन सब चर्चाओ पर विराम लग जाता है|
पप्पू कोरी की भी हिस्ट्रीशीट बहुत लम्बी है| इसके साथ ही साथ मृतक अजय पाल की आपराधिक इतिहास बहुत बड़ा है| उस पर एक दर्जन मुकदमे जहानगंज व फर्रुखाबाद कोतवाली में दर्ज है| अजय पाल की पुलिस के रिकार्ड में आपराधिक हिस्ट्री में थाना जहानगंज में 379 के दो , गुंडा एक्ट, 25 आर्म्स एक्ट के दो मुकदमे, 307 , गेंगेस्टर, 323 , 504 , इसके साथ ही साथ शहर कोतवाली में अबैध हथियार रखने के दो, 379 आईपीसी, 302 , 201 आईपीसी, 25,27 एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है| सभी मुकदमो को मिलाकर अजय पाल पर एक दर्जन मुकदमे दर्ज थे| जिसमे जहानगंज थाने में गुंडा एक्ट व अबैध हथियार रखने में उसे अदालत से सजा हो गयी थी| जबकि अन्य दस मुकदमो की सुन बायी चल रही थी|
हथियारों की तस्करी भी करता था मृतक अजय पाल
अजय पाल सिंह का अपराधिक इतिहास खंगाले तो पता चलता है की उसके ऊपर अबैध हथियार रखने के चार मुकदमे दर्ज है| विदित हो की तत्कालीन एसओजी प्रभारी नन्हेलाल यादव ने अजय पाल यादव को आधा दर्जन पिस्टलो के साथ गिरफतार किया था| जिसमे यह जेल गया था| इससे पूर्व भी अजय कई बार अबैध हथियारो के साथ पकड़ा जा चूका है|
पुलिस का मुखबिर भी रहा था अजय
जिस समय जनपद में एसओजी थी तो अजय पाल एसओजी व पुलिस के लिये मुखबिर का भी काम करता था| जिससे वह पप्पू कोरी की आँखों में खटकता था|