अच्छे और बुरे दिन केवल मन का भ्रम है….

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Editorअच्छे और बुरे दिन केवल मन का भ्रम है….

अच्छे दिन केवल मन का भ्रम है| किसी ने कहा कि अच्छे दिन आने वाले है तो लगा कि दिन ख़राब चल रहे है| दरअसल में अच्छे दिन हमेशा से थे और रहेंगे| फर्क सिर्फ तुलना का है| किसके मुकाबले अच्छे दिन? मेरे तो हमेशा से ही अच्छे दिन थे|

पहले भी घूस नहीं देने की सोचता था और आज भी सोचता हूँ| फिर भी घूस चल रही है| तो न बुरे दिन पहले थे और न ही आज है|

मोदी ने कहा कि अच्छे दिन आने वाले है तो लगा कि बुरे दिन चल रहे है|
कल को कोई कहेगा कि बुरे दिन आने वाले है तो लगेगा कि अच्छे दिन चल रहे है| मगर सारा खेल तुलना का है| आखिर तुलना किस्से की जाये| बड़े भ्रष्ट लोगो की मदद करने वाली बसुंधरा से, झूठ की डिग्री वाली स्मृति ईरानी से या फिर करोडो पचा जाने वाले कलमानी से| खैर ये बड़े लोगो का मामला है इसलिए इनकी इज्जत में कोई बट्टा नहीं लगेगा| बेशर्मी से मंच पर दहाड़ेंगे और तुलनात्मक दूसरो की बड़ी खामियों से खुद को बचाएंगे| इसलिए हर मामले में तुलना जरुरी है|

सोचो अपने से नीचे जीवन यापन करने वालो के बारे में तो लगेगा कि आपके दिन अच्छे थे, है और आगे भी रहेंगे…

अच्छे और बुरे दिन केवल मन का भ्रम है….

कोई दो राय नहीं कि मोदी गुजरात से है जहाँ व्यापारी वर्ग का अधिपत्य है और मार्केटिंग की दहशत……मोदी ने अच्छी मार्केटिंग की और दिमाग में बैठा दिया कि वे अच्छे दिन ले आ पाएंगे| वर्तमान में चल रहे दिन बुरे है| मगर उनकी मार्केटिंग के पीछे के छुपे तथ्य को लोग समझ नहीं पाये| ये अच्छे बुरे दिन तुलनात्मक थे न कि आदर्श के पैमाने के मापदंड पर|

भाई पुलिस, लेखपाल, ग्राम सचिव, कोटेदार, प्रधान, दफ्तरों के बाबू ऊपर वालो के नाम पर सभी पहले भी घूस ले रहे थे और वर्तमान में भी ले रहे है.
….कोई अंतर आया क्या?
फिर कैसे बुरे दिन?

अच्छे दिन तो पहले भी थे और आज भी है केवल घूसखोरो, चोरो, बेईमानो,कामचोरो, भ्रष्ट नेताओ और भ्रष्ट सरकारी मशीनरी के…….

उन्ही की लीडरशिप हो रही है…

पहले मनमोहन करते थे आज मोदी करते है…

इसीलिए कहता हूँ कि “अच्छे और बुरे दिन केवल मन का भ्रम है”…..ऐसी कोई चीज नहीं होती….