बीएसए के निमंत्रण पर भी नही पंहुचे शिक्षक नेता!

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फर्रुखाबाद:बीते दिन नेपाल पीड़ितो की सहायता के नाम पर बेसिक शिक्षको के वेतन काटे जाने का विरोध कर रहे शिक्षक नेताओ को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बुधवार को अपने कार्यालय में कोई निष्कर्ष निकालने के लिये बुलाया गया था| लेकिन बुधवार शाम तक कोई शिक्षक नेता बीएसए की दहलीज पर झकने तक नही गया| जिससे वेतन से सहायता राशि काटने का मामला त्रिशंकु बन गया है|

बीते मार्च माह में जनपद से सभी परिषदीय विधालयो के अध्यापको के वेतन से नेपाल बाढ़ पीडितो को सहायता के लिये प्राइमरी के शिक्षको के वेतन से 500 जूनियर के शिक्षको से 1000 रुपये की धनराशि शिक्षको के वेतन से काटे गये थे| जिसके लगभग दो माह बाद ही बेसिक शिक्षा अधिकारी योगराज सिंह ने पुनः शिक्षको के वेतन से रुपये काट लिये जाने का फरमान जारी कर दिया| जिसके बाद जिले के लगभग सभी शिक्षक संगठन सड़क पर आ गये| बीते दिन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में इसके विरोध में प्रदर्शन भी किया था|
इसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी योगराज ने अपनी फेसबुक पर सभी शिक्षक नेताओ को बुधवार को शाम चार बजे अपने कार्यालय में इस समस्या का समाधान निकालने के लिये बुलाया| लेकिन बुधवार को शाम तक प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विजय बहादुर यादव के अलावा कोई भी शिक्षक नेता कार्यालय में नही पंहुचा | जिससे वेतन कटौती का मामला अधर में लटक गया है|

वही कानून की किताब की माने तो अकेले जनपद के चंद शिक्षक नेता जनपद के कई हजार शिक्षको का वेतन अपनी मर्जी या राय से कटबाने का कोई अधिकार नही रखते| बिना शिक्षक की अनुमति के यदि वेतन काटा गया तो अधिकारी खुद क़ानूनी पचड़े में फंस सकते है|

वही शिक्षक नेता आरेंद्र यादव ने बताया की उन्हें बेसिक शिक्षा कार्यालय में नही बुलाया गया था| इसके साथ ही साथ विभाग के द्वारा जब एक बार शिक्षको का वेतन काट लिया गया| तो फिर दोबारा वेतन काटने का क्या मतलब| विभाग शिक्षको से पहले लिखित में ले ले| जो शिक्षक लिखित में अनुमति दे दे| उसी के वेतन से पैसा काटा जाये|