बेसिक शिक्षा: कब हुई परीक्षा, कब निकला रिजल्ट, सब हो गए पास कोई नहीं विधेल्ड

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फर्रुखाबाद: बेसिक शिक्षा का हाल बुरा है या सबसे बुरा है इस पर सबसे अच्छी बहस हो सकती है| शिक्षक से लेकर अफसर तक कागजी घोड़े दौड़ाने में साल भर लगे रहते है| खस्ताहाल शिक्षा के चलते ही अन्य विभाग अपनी बेगार के लिए प्रदेश के 3.5 लाख उत्तर प्रदेश के परिषदीय शिक्षको पर अपनी नजर गढ़ाए रहते है| पढ़ना पढ़ाना तो होता नहीं चलो बच्चे गिनो और राशन कार्ड बनाओ| हर वर्ष की भांति एक सत्र और बीत गया| आज 31 मई 2013 को वार्षिक परीक्षा के साथ साथ बच्चे 1 कक्षा में और फलांग गए| मास्टरों ने कितना पढ़ाया इसका पैमाना नापने की भी अब जरुरत नहीं समझी जाती है| शासनादेशो की आड़ में ये गोरखधंधा चल रहा है| 102/79-6-10 के शासनादेशो के अनुसार बच्चे सब पास कर दिए जाए ये आदेश तो शिक्षा सचिव ही कर गए थे| वार्षिक परीक्षा के परीक्षाफल घोषित होने के दिन जेएनआई ने स्कूलों से लेकर खंड शिक्षा अधिकारिओ तक को परखा| अंत में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत पटेल से भी बात हुई| कुछ भौतिक सत्यापन करके तो कुछ फोन से| हाल क्या निकला और क्या क्या जबाब मिले जनता भी पढ़े क्योंकि इन्ही के टैक्स से इन नौकरों को वेतन मिलता है| पहले इनके जबाब पढ़िये और अंत में शासनादेशो को भी गौर कर मूल्यांकन करिए कि क्या ये देश के सच्चे सेवक है या फिर…| क्योंकि भारत का लोकतंत्र ये कहता है कि ये सब सरकारी नौकर जनता के प्रति जबाब देह है|

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1- जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत पटेल से सवाल– आज परिषदीय विद्यालय का परिणाम निकला है, क्या बता सकते है कि कुल कितने छात्र परीक्षा में बैठे? कितने को प्रथम द्वितीय और तृतीय श्रेणी प्राप्त हुई?
जबाब- विद्यालयों में परिणाम घोषित हुआ है| परिषदीय विद्यालयों में परिणाम ब्लाक लेवल पर घोषित होता है| वहां से अभी सूचना आनी बाकी है|
सवाल- क्या कक्षा 5 व् 8 की परीक्षाओ का मूल्यांकन ब्लाक लेवल पर ही हुआ है?
जबाब- अब होम एग्जाम ही होते है, नियम बदल गया है| और स्कूल लेवल पर ही परिणाम घोषित होता है| अब सबको पास करना होता है, इसमें भी नियम बदल गया है| पूरे जनपद का परिणाम इक्कठा हो जायेगा तब पूछ लीजियेगा| (यहाँ ये गोल कर गए कि कक्षा 5 व् 8 का मूल्यांकन कहाँ हुआ, शायद मालूम नहीं या सही बात बताना नहीं चाहते थे कि इनका भी मूल्यांकन विद्यालयों में ही हुआ है )

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के जबाब के एवज में हम उस शासनादेश की चर्चा करेंगे जिसका वे उल्लेख करना चाह रहे थे| इस शासनादेश के मुताबिक वर्ष 2010 में अंतिम परिवर्तन परिषदीय परीक्षाओ के सम्बन्ध में किया गया है| जिसके अनुसार कक्षा 5 व् 8 के बच्चो की उत्तर पुस्तिकाएं ब्लाक स्तर पर दूसरे विद्यालयों के अध्यापको द्वारा जांची जाएँगी| किन्तु फर्रुखाबाद जनपद के किसी भी ब्लाक पर ऐसा नहीं हुआ| कागजो पर भले ही अब सब कुछ ठीक ठाक करने का प्रयास हो मगर जो जबाब हमें ब्लाक स्तर के खंड शिक्षा अधिकारिओ द्वारा मिला उसके अनुसार परीक्षा करने से लेकर मूल्यांकन और परिणाम बाटने के काम तक में विद्यालय के शिक्षको के अलावा कोई हस्तक्षेप नहीं हुआ है| देखे उस आदेश का भाग| (सन्दर्भ के लिए उक्त पूरे शासनादेश को हम नीचे संलग्न कर रहे है|
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2- जे एन आई ने सबसे पहले फोन किया बढ़पुर और नगर क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारी प्रवीण शुक्ल को| इनसे भी वाही पूछा गया जो जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से| सवाल- अपने ब्लाक के परिणाम में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पाने वाले बच्चो की संख्या नोट करा दे| कुल कितने बच्चे परीक्षा में समिल्लित हुए? और कुल कितने बच्चे ब्लाक में पंजीकृत है? और क्या ब्लाक स्तर पर कक्षा ५ और ८ की परीक्षाओ का मूल्यांकन कराया गया?
प्रवीण शुक्ल का जबाब- अभी विद्यालयों से परिणाम नहीं आया है| मुल्यांकन ब्लाक स्तर पर अब नहीं होता है नया नियम आ गया है| विद्यालय में ही परीक्षा और परीक्षाफल बन जाता है| इसके बाद हमारे पास आएगा| फिर बता सकेंगे कि कुल कितने छात्र पंजीकृत है? कितने परीक्षा में बैठे?
३- तीसरा फोन राजेपुर ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारी का चार्ज संभाल रहे जिला समन्वयक अनिल शर्मा को किया गया| इनसे भी वही सवाल पूछ जानकारी चाही गयी| मगर इनका भी जबाब था कि अभी मालूम नहीं| कल बता देंगे| मूल्यांकन किसी का भी ब्लाक स्तर पर नहीं हुआ ये बात इन्होने भी कबूली|
४- चौथा और पांचवा फोन क्रमश २ बजे के आसपास मोहम्दाबाद के खंड शिक्षा अधिकारी को उनके सरकारी फोन न 8765959366 पर किया और नवाबगंज की खंड शिक्षा अधिकारी हेमलता के फोन न (महिला होने के नाते हम फोन न नहीं लिख रहे है) पर किया गया| दोनों के फोन की घंटी बजती रही मगर फोन नहीं उठाया गया| इसके बाद दोनों ब्लाको के कई शिक्षको ने हकीकत वही बताई जो जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और अन्य खंड शिक्षा अधिकारिओ ने बताई थी|
५- शमसाबाद के खंड शिक्षा अधिकारी ज्ञान प्रकाश अवस्थी ने तो अपना फोन ही अपने कम्पूटर ऑपरेटर को पकड़ा दिया ये कह कर कि इनसे पूछ लो मुझे कुछ नहीं मालूम|
६- कमालगंज ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारी सुमित वर्मा ने भी वही बात दोहराई जो अन्य ने कहीं फर्क बस इतना था कि उन्होंने कहा कि दो घंटे बाद पूछ लेना जानकारी जुटा रहे है|
७- सबसे कमाल का जबाब कायमगंज ब्लाक से मिला जहाँ एक नहीं दो दो खंड शिक्षा अधिकारी तैनात है| पहले संजय पटेल को फोन लगाया तो बोले मेरा काम केवल जांचे करना है शिक्षण कार्य से सम्बन्धित जानकारी जगरूप संखवार से करे| और जब जगरूप संखवार को फोन लगाया तो वे बोले मेरी तबियत ख़राब है, मैं छुट्टी पर हूँ संजय पटेल से पूछ लो|

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तो आम जनता को अंत में एक बात जरुर बताना है कि इन सभी ने एक बात और कामन कही वो भी दो बजे के बाद कि “रिजल्ट बट गया होगा” यानि की इन्हें ये खबर नहीं थी कि कितने स्कूल खुले और कितने बंद रहे| इस पर खबर बाद में (सैकड़ो स्कूलों में नहीं बटा रिजल्ट, लटके रहे ताले)| इन अफसरों के विभागीय ज्ञान का अंदाजा सरकारी आदेशो के अनुरूप लग ही गया होगा| क्या यही जिम्मेदारी है जनता के पैसे से अपना घर चलाने वालो की| क्या सरकार को ये आदेश नहीं कर देना चाहिए कि जिस प्रकार केंद्रीय विद्यालय के शिक्षको के बच्चे उन्ही के स्कूल में पढ़ते है इन शिक्षको और परिषदीय कर्मचारियो और अफसरों के बच्चे भी इन्ही स्कूलों में पढ़े| शायद तब कुछ जिम्मेदारी ये समझेंगे जब अपने खुद के बच्चे कक्षा 5 में होंगे और 10 का पहाडा नहीं जानते होंगे|
GOFile”>वर्ष 2010 का शासनादेश डाउनलोड करें