डेस्क: गृह मंत्रालय अब बंदूक का लाइसेंस लेने की प्रक्रिया को सरल करने की योजना बना रही है| इसके लिए पुराने शस्त्र अधिनियम को संशोधित किया जाएगा|
गृह मंत्रालय 56 साल पुराने शस्त्र अधिनियम में संशोधन करके बंदूक का लाइसेंस हासिल करने की प्रक्रिया को छोटा करने पर विचार कर रहा है| इसके लिए सरकार ने बुधवार को इसके नियमों को सार्वजनिक किया है|
इन नियमों के अनुसार हथियार के लाइसेंस के आवेदन लिए जरूरी दस्तावेजों की संख्या को घटा दिया जाएगा| अभी ये दस्तावेज लगभग एक दर्जन है. इसके अलावा पुलिस सत्यापन एक से तीन महीने के बीच करना होगा जो हथियारों पर निर्भर करेगा|
इसके अलावा अब से हर हथियार का लाइसेंस यूनीक आइडेंन्टीफिकेशन नंबर (UIN) से ही जारी होगा. बिना यूआईएन के हथियारों को वैध नहीं माना जाएगा, जिससे इनका रिकॉर्ड रखने में भी आसानी हो| ये 1 अक्टूबर 2015 से लागू हो जाएगा|