लखनऊ:पूर्व राज्यसभा सदस्य तथा कभी समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के बेहद करीब रहे अमर सिंह के अनुसार अब सपा में बेईमान तथा चरित्रहीन लोगों का महत्व बढ़ गया है। उनके आकलन के अनुसार सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव भी अब बहुत बदल गये हैं। अब मुलायम सिंह यादव बातों के धनी नहीं रह गये हैं।
आजमगढ़ में अमर सिंह ने कल एक निजी कार्यक्रम के बाद सपा तथा मुलायम सिंह के बारे में कुछ न कहते हुए भी बहुत कुछ कह दिया। अमर ने कहा कि मुलायम सिंह अब पुराने मुलायम सिंह नहीं रहे जो अपने वादे के लिए सब कुछ न्यौछावर कर देते थे। अब वह बहुत बदल गए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में मुझसे मिलने मेरे घर आए मुलायम सिंह यादव ने मुझे राज्यसभा का पर्चा भरने का न्यौता दिया था। उनका यह न्यौता मैं समझ नहीं सका। जब मैं पार्टी में नहीं था तो मैंने उस न्यौते को सिर्फ एक हास्य समझा।
उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह से कभी कुछ नहीं मांगा लेकिन उन्होंने बहुत कुछ दिया। अस्पताल दिया जो बंद है, सड़क दी जो जर्जर है। उन्हें नोएडा के घोटाले के बारे बताया और कुछ करने को कहा तो उन्होंने कहा कल आपको राज्यसभा का पर्चा भरना है। वह नहीं समझ पाए कि यह कैसा गेम है। जब वह समाजवादी पार्टी में नहीं हैं तो पर्चा भरने के लिए क्यों कहा जा रहा है। यह लालच देने का तरीका था। मुलायम सिंह के उस बयान कि मुझे आजमगढ़ की जनता हरा दी होती यदि मेरा परिवार साथ नहीं देता पर अमर सिंह ने कहा कि आजमगढ़ की जनता की गलतियों को माफ कर आजमगढ़ में भी सैफई महोत्सव की तरह ही आजमगढ़ महोत्सव मनाया जाये।
पूर्व सांसद अमर सिंह जब मीडिया से मुखातिब हुए तो कहा अपने घर आया हूं, कड़वी बात नहीं कहना चाहता। उसके बाद जब अपने अंदाज में आए तो फिर रुके नहीं। अमर सिंह ने कहा कि सपा में बेईमान व चरित्रहीन लोगों को महत्व दिया जा रहा है। इसका उदाहरण हैं नोएडा के चीफ इंजीनियर यादव सिंह तथा मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया जो ईमानदार है जबकि दुर्गा शक्ति नागपाल बेइमान हो गई है। प्रदेश के मुखिया को विकास की कोई चिंता नहीं है। तभी वे सैफई महोत्सव छोड़कर गुजरात के अप्रवासी भारतीय सम्मेलन में नहीं जा पा रहे हैं। प्रदेश के मुखिया अखिलेश यादव को प्रदेश के विकास की कोई चिंता नहीं है। तभी तो वे सैफई महोत्सव छोड़कर गुजरात के अप्रवासी भारतीय सम्मेलन में नहीं जा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले मेरे बारे में कहा जाता था कि मैंने समाजवाद को शिल्पा शेट्टी की टांग में ला दिया था लेकिन अब की समाजवादी सरकार ने इसको मल्लिका शेरावत के होठों पर ला दिया है।
उन्होंने कहा जब वह गांधीवादी धारणा के अनुरूप मोदी के स्वच्छता अभियान की तारीफ करते हैं तो आरोप लगता है कि वह भाजपा से निकटता बढ़ा रहे हैं।
इसके बाद उनके निशाने पर कांग्रेस रही। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय वह कांग्रेस में जाना चाहता थे लेकिन कांग्रेसियों की यह नीति रही है कि वे किसी का उपयोग करने के बाद उसे छोड़ देते हैं। कांग्रेस की सरकार बचाने के बदले में मेरे ऊपर नोट के बदले वोट का मुकदमा चल रहा था लेकिन कांग्रेस ने मुझे पार्टी में शामिल नहीं किया। सपा में जाना नहीं चाहता था इसलिए मुझे धर्मनिरपेक्ष लोकदल में शामिल होकर चुनाव लडऩा पड़ा।