गंगा किनारे बने 93 छपाई कारखानो के कपाट बंद

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gangaफर्रुखाबाद : आगामी सोमबार को श्रद्धालुओं को रामनगरिया मेला में स्वच्छ गंगाजल उपलब्ध कराने के लिये प्रशासन ने गंगा किनारे के 93 छपाई कारखानों को बंद करा दिया है। कारखानों में शनिवार को ताले पड़े रहे। छपाई कारीगर सुबह ड्यूटी पर आकर मायूस होकर वापस लौट गये।फिलहाल लगभग पांच हजार मजदूर बेरोजगार हो गया है|

शहर के मोहल्ला विकास नगर, नीवलपुर, खानपुर, सधवाड़ा, गंगा दरवाजा,अंगूरीबागआदि मोहल्लों में स्थित कपड़ा छपाई कारखानों में सुबह ताले लटक गए। कारखाना मालिकों ने काम करने आए छपाई कारीगरों को तीन दिन की बंदी की जानकारी देकर लौटा दिया।उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदूषणकारी उद्योगों के विरुद्ध कार्रवाई के लिये समिति गठित की गई थी। इसमें नगर मजिस्ट्रेट, तहसीलदार सदर, जिला उद्योग केंद्र के प्रबंधक, सामाजिक वानिकी के प्रभागीय निदेशक एवं गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के प्रभारी आदि 6 सदस्य हैं।

समिति ने दो वर्ष पूर्व ही निरीक्षण करने के बाद गंगा किनारे स्थापित 93 कारखानों का प्रदूषित पानी गंगा में जाने की रिपोर्ट प्रेषित की थी। इसके आधार पर प्रशासन ने रामनगरिया मेला के दौरान कारखाने बंद कराने के आदेश जारी किये थे। पिछले वर्ष भी मेले के दौरान कारखाने बंद कराए गए थे। हालांकि विगत एक सप्ताह पूर्व से ही बारिश, ठंड एवं कोहरे से छपाई कारखानों में काम काफी प्रभावित हो रहा है। अब कारखाने पूरी तरह से बंद हो जाने से लगभग 5 हजार छपाई मजदूरों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है।