हेल्थ: पचास फीसदी भारतीय बच्चों में दांत की बीमारी

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गलत खानपान और जीवन शैली की वजह से अधिकांश भारतीय दंत समस्या से ग्रस्त होते हैं। पांच वर्ष से कम आयु वाले आधे से अधिक बच्चों को किसी न किसी प्रकार के दंत समस्या होती है।

चिंताजनक बात यह है कि 91 फीसदी भारतीयों को मसूड़े से संबंधित समस्याएं होती हैं। ये चौकाने वाले तथ्य मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंस (मेडस) के एक अध्ययन में सामने आए हैं।

हालांकि, मेड्स के प्रिंसिपल डॉ. महेश वर्मा का कहना है कि थोड़ी सी सावधानी और जागरूकता से अधिकांश दंत समस्याओं से बचा जा सकता है। वह कॉलेज परिसर में आयोजित पांच दिवसीय दंत स्वास्थ्य उत्सव के दौरान बोल रहे थे।

मंगलवार को इस उत्सव का उद्घाटन दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मेड्स देश का पहला ऐसा संस्थान है जहां आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस है।

उन्होंने कहा कि इस एंबुलेंस में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तमाम जरूरी सुविधाएं, मसलन स्पाइन सपोर्ट बोर्ड, वेंटीलेटर, व्हील चेयर आदि मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि देश की 80 फसीदी आबादी दंत समस्याओं से ग्रस्त है।

राजधानी में बच्चों में दंत रोग बढ़ रहा है, लेकिन मामूली देखभाल से अधिकांश दंत समस्याओं से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मोबाइल दंत चिकित्सा वैन विभिन्न इलाकों में जाएगी और लोगों में जागरूकता पैदा करेगी।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री किरण वालिया ने कहा कि इस उत्सव में देश के विभिन्न डेंटल कॉलेजों से आए छात्र मुस्कान प्रतियोगिता, डेंटल क्विज, पेंटिग प्रतियोगिता, डांस आदि में भाग लेंगे। इस मेले में सभी को दांतों की विभिन्न जांच की सुविधाएं निशुल्क प्रदान की जाएंगी।

उन्होंने का कि दांतों के रखरखाव से संबंधित एक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। इस अवसर पर दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव राजेंद्र कुमार, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अशोक कुमार अग्रवाल सहित स्वास्थ्य विभाग के कई आला अधिकारी मौजूद थे।

दंत समस्याओं पर एक नजर

– 80 फीसदी आबादी व 84 फीसदी बच्चे दंत समस्या से ग्रस्त।

– 35 से 44 उम्र वाले 62 फीसदी लोगों को दंत समस्या।

– एक तिहाई बुजुर्ग के दांत नहीं होते हैं।

– एक लाख में 19 लोगों को कैंसर होता है।

– तंबाकू और पान खाने वाले छह फीसदी लोगों में कैंसर के लक्षण पाए जाते हैं।