शिशु मंदिर के आचार्य का पुत्र फांसी पर झूला

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mauutफर्रुखाबाद: बीते कई माह से परिवारिक कलह से परेशान चल रहे शिशु मन्दिर के आचार्य के पुत्र ने बीती रात फांसी पर झूल कर आत्महत्या कर ली| मौके पर पंहुची पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़ कर शव बाहर निकाला| घटना के पीछे पत्नी से विवाद होना बताया जा रहा है|
कोतवाली फतेहगढ़ क्षेत्र के मोहल्ला शिवाजी नगर निवासी शिशु मंदिर के आचार्य वीरेन्द्र कुशवाहा का 30 वर्षीय पुत्र आलोक शाक्य बीते रात अपने कमरे में अकेला लेटा था| देर रात वह चारपाई खड़ी कर के उस पर चढ़ गया और रस्सी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली| सुबह जब परिजनों ने उसका दरवाजा खटखटाया तो कोई उत्तर नही मिला| कमरे की खिड़की से झाँक का देखा तो पता चला कि आलोक फांसी पर झूल रहा है| जिस पर मौके पर भीड़ एकत्रित हो गयी|
घटना की सूचना पुलिस को दी गयी| मौके पर पंहुचे कर्नलगंज चौकी प्रभारी सुभाष यादव ने कमरे का दरवाजा तोडा| जिसके बाद पुलिस कि देखरेख में शव को नीचे उतारा गया| वीरेन्द्र कुशवाह बरगदिया घाट स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में तैनात है|
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आलोक बीते कई महीनों से नशे का शौक़ीन हो गया था जिसके चलते वह अपने पिता से अक्सर पैसे मांगता रहता था| पैसो के बाबत उसने अपने पिता से कई बार मारपीट भी की थी| नशे के लिये वह इंजेक्शन का इस्तेमाल करने लगा था|
पत्नी से किया था प्रेम विवाह
मृतक आलोक ने अपनी पत्नी सिम्पल से प्रेम विवाह किया था| जिससे उसका एक ढाई साल का पुत्र भी है| लेकिन बीते कुछ समय से वह अपनी पत्नी पर शक करने लगा था| दारू के नशे में वह पत्नी के साथ भी मारपीट करता था| घटना के दिन पूर्व भी उसका पत्नी के साथ विवाद हुआ था| लेकिन कुछ लोगो ने विवाद निपटा दिया| इसके बाद पत्नी अपने मायके चली गयी थी| घर पर उसका छोटा भाई सोनू, बहन अलका माँ व पिता थे जो अलग कमरे में सो रहे थे| आलोक कमरे में अकेला था| तभी मौका देखकर आलोक ने आत्महत्या कर ली|
पहले भी कर चुका था आत्महत्या का प्रयास
अपनी आदतों से परेशान आलोक पहले भी विवाद होने पर आत्महत्या करने का प्रयास कर चुका था| लेकिन सफल नही हुआ था| उसके घर पर रोज कोई ना कोई समझाने के लिये आता था| लेकिन इस बार उसे सफलता मिल गयी|