फर्रुखाबाद: मनरेगा में पारदर्शिता लाने और निगरानी के लिए अब मोबाइल का इस्तेमाल किया जाएगा। मोबाइल के जरिए काम की जगह (साइट) से ही ग्राम पंचायतों समेत केन्द्र तक को कराए जा रहे काम के बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगी। मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (एमएमएस) को पहले चरण में एक लाख ग्राम पंचायतों में लागू किया जाएगा।
इसे लागू करने के पीछे केन्द्र सरकार की मंशा यह है कि इससे काम के सही समय (रियल टाइम डाटा) का ब्योरा उपलब्ध होगा । इस ब्योरे को काम की जगह से ही सीधे ऑनलाइन किया जा सकेगा। इसके लिए ग्राम पंचायतों का चयन राज्य सरकार करेगी। राज्य सरकार को ग्राम पंचायतों का चयन कर अपने प्रस्ताव केन्द्र को भेजने होंगे। पहले आए एक लाख प्रस्तावों को केन्द्र स्वीकृति देगा।
इसके लिए मोबाइल/ टैबलेट जीएसएम या जीपीआरएस कनेक्टिविटी व सिम कार्ड के साथ दिए जाएंगे। इस टैबलेट या मोबाइल में 8 तरह के माडय़ूल इंस्टॉल किए जाएंगे। इनकी मदद से काम की योजना बनाने और वहां की फोटो लेने, रोजगार दिवस के दौरान मांग को रिकार्ड करने, ई मस्टर रोल बनाने, रोज की उपस्थिति लेने, काम की जगह नापने और चेक करने के लिए और आधार कार्ड आदि में मदद मिलेगी।
ये मोबाइल ग्राम पंचायत स्तर पर काम रहे कर्मचारी, काम की नाप करने वाले तकनीकी कर्मचारी, मस्टर को चेक करने वाले सुपरवाइजरों को दिए जाएंगे। इसके अलावा ब्लॉक स्तर पर काम कर रहे उन भारत निर्माण वालंटियर्स को यह मोबाइल दिया जाएगा जो ग्राम्य विकास में लोकल लेवल मॉनिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। योजना के तहत दिए जाने वाले मोबाइल/ टैबलेट के तकनीकी ब्यौरे भी सरकार ने जारी किए हैं। इस्तेमाल करने वाले सभी कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी।[bannergarden id=”8″] [bannergarden id=”11″]