फर्रुखाबाद: वैसे तो उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मुफ्त में बटने वाले मिड डे मील की असलियत से आम से लेकर खास तक वाकिफ होगा| लगभग पूरे उत्तर प्रदेश में कमोवेश एक जैसी ही स्थिति है| कई कई माह बिना कनवजन कास्ट मिले भी स्कूल में मास्टर खाना बनाते है और कन्वर्जन कास्ट के लिए आवाज तक नहीं उठती| फिर भी सब कुछ दुरुस्त और चकाचक है| जानकारों के मुताबिक स्कूल में मुफ्त खाने के कारोबार में फिफ्टी फिफ्टी का फायदा होने के कारण इन्वेस्टमेंट करने में भी कोई मुश्किल नहीं होती है| भले ही मामला पेचीदा और अवैध हो| चौकाने वाली खबर है कि फर्रुखाबाद में जिला मुख्यालय से भेजा गया मिड डे मील की कंवर्जन कास्ट का पैसा स्कूलों में नहीं पंहुचा है| इससे इस मामले में घोटाले के संकेत मिलने की आशंका बनी हुई है|
हालात ये है कि फर्रुखाबाद जनपद में पिछले चार माह से जबसे नया सत्र शुरू हुआ है सरकार का भेजा हुआ एक धेला भी स्कूल के खाते में नहीं पंहुचा है मगर मिड से मील की रिपोर्ट में बच्चे 70+ प्रतिशत उपस्थिति के साथ मजेदार, मसालेदार खाना भी खा रहे है| ये जिला स्तर की हर माह की टास्क फ़ोर्स की रिपोर्ट का ब्र्योरा है| इसी बीच चौकाने वाली खबर ये है जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी योगराज सिंह ने बताया कि स्कूल के खातों में सितम्बर 2014 तक की मिड डे मील की कंवर्जन कास्ट भेजी जा चुकी है| जबकि ग्राम शिक्षा समिति के खाते अभी खाली के खाली ही बने हुए है| आखिर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के बतायेनुसार भेजा गया कई करोड़ की धनराशि आखिर बीच में कहा है जाँच का विषय है| [bannergarden id=”8″] [bannergarden id=”11″]