भाई दूज मनाने जेल की सलाखों के पीछे पंहुची सैकड़ो बहने

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bhaI DYUJफर्रुखाबाद: भाई दूज पर जनपद की दोनों जिला व केन्द्रीय कारागारो का माहौल शनिवार को भाई बहनों के पवित्र प्रेम से भरा नजर आया। भाई दूज मनाने जेल पहुंची बहनों ने जब भाईयों के माथे पर तिलक किया, तो सहसा ही आंख भर आई। जेल प्रशासन ने भी त्यौहार मनाने के लिए बहनों के आगमन पर विशेष व्यवस्था बनाई हुई थी।
शनिवार को सुबह से ही केंद्रीय कारागार में भाई दूज मनाने के लिए बहनें पहुंचने लगी। 11 बजे तक भीड़ इतनी थी कि लंबी लाइन लग गई। जेल के भीतर मैदान में भाई बहनों के बैठने की व्यवस्था बनाई गई थी। बहनें अपने साथ गोला, मिश्री और तिलक के लिए रोली साथ लेकर गई थी। बहनों ने जहां भाईयों को तिलक करके गोला और मिश्री भेंट की, मगर भाई अपनी बहनों को कोई गिफ्ट नहीं दे सके। जब सामूहिक रूप से जेल में भाई दूज मनाया जा रहा था, तो वहां का माहौल देखने लायक था। त्यौहार मनाने के साथ ही बहनें अपनेे आंसू नहीं रोक पाई और भाई का हाथ पकड़कर रोने लगीं। वरिष्ठ जेल अधीक्षक यादवेन्द्र शुक्ला के मुताबिक शनिवार को जेल की मुलाकात का अवकाश होता है| लेकिन इसके बाद भी भाई- बहन के पवित्र प्यार को देखते हुए उनकी मुलाकात करायी गयी|
दीपावली के दूसरे दिन मनाये जाने वाले भाई दूज भाई-बहन के प्यार को इजहार करने कोई भी परेशानी दीवार नही बन सकती. इसका ज्वलंत उदाहरण सेन्ट्रल जेल में देखने को मिला. त्योहारों के इस महान देश में परंपराऐं, संस्कार ही हमारी धरोहर और शक्ति का स्वरुप है. ऐसे त्योंहारों के अवसर पर हिन्दुस्तानियों को मुस्कराने का मौका देते है. भाई-दूज का यह त्योहर अपनी विशिष्टता के लिए के जाना जाता है. इस दिन बहन अपने भाई को सभी परेशानियों को दुर करने के लिए प्रार्थना करती है और उसकी लम्बी उम्र की मंगल कामना करती है भाई दूज पर बहने अपने कैदी भाईयों से मिलने और यह त्योंहार मनाने सेन्ट्रल एवं जिला जेल पहुंची. सुबह से ही जेल के गेट पर बहनें जमा होने लगी थी, कोई अपने भाई के लिऐ मिठाई और आरती का समान लेकर पहुची. इस प्रेम भरे वातावरण में हर बहन अपने भाई की जल्दी घर लौटने की प्रर्थना कर रही थी तो कई बल्लईया लेते हुये थक नही रही थी| फ़िलहाल केन्द्रीय कारागार ने भाई दूज मनाने की व्यवस्था में कोई कमी नही छोड़ी|
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