लुटेरा बना प्रधानपति, गांव की महिला से लोहिया आवास के 49 हजार लूटे

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prdhanफर्रुखाबाद: ग्रामीणों की समस्याओं को गाँव में ही निपटाने के लिए शासन ने पंचायती राज विभाग के अंतर्गत ग्राम पंचायतों के गठन की योजना बनाई थी| अवधारणा यह थी कि जनता के द्वारा चुना गया एक व्यक्ति ग्राम पंचायत का प्रधान होगा| इसके साथ ही कुछ सदस्य होंगे| जो शासन की योजनाओं को तो लागू करेंगे ही साथ ही अपने स्तर से भी गाँव और ग्रामीणों के विकास की योजना तैयार करेंगे| ग्राम पंचायतों की ओर से पास किए हुए प्रस्ताव के आधार पर ही गाँव का विकास करवाया जाएगा| इसके साथ ही पंचायतों को जन सहयोग से गाँव हित के कार्यक्रम संचालित करने का भी अधिकार दिया गया| ग्राम पंचायतों को गाँव में होने वाले छोटे-छोटे झगड़ों को निपटाने का अधिकार दे दिया गया| इस तरह से ग्राम पंचायत एक स्वायत्तशाषी संस्था बन गई|

लेकिन अब यह स्वायत्तशाषी संस्थाएं ही शासन की योजनाओं को पलीता लगा रहीं हैं| ग्राम पंचायतें विकास के स्थान पर लूट का केंद्र बन गई हैं| विकास कार्यों के लिए मिलने वाला करोड़ों रूपए का बजट पंचायतें डकार जाती हैं और उसमे से फूटी कौड़ी भी खर्च नहीं की जाती है| ग्राम प्रधान और उनके प्रधान पति खुले आम जनता के पैसे पर डाका मार रहे हैं| लेकिन वर्तमान की वोट बैंक की राजनीती के चलते इस लूट पर अंकुश नहीं लग पा रहा है| राजनैतिक संरक्षण के कारण जिला प्रशासन भी इन मामलों में अधिक हस्तक्षेप नहीं करता है| जिसके चलते पंचायत प्रतिनिधियों के हौसले और भी अधिक बुलंद हो रहे है|

ताज़ी घटना कायमगंज ब्लॉक की ग्राम पंचायत त्योरखास के मजरा लुखडापुर की है| जहां की प्रधान उषा देवी के पति राजेश यादव ने गाँव की ही रहने वाली बालिस्टर की पत्नी रामकली से 49 हजार रूपए लूट लिए| यह गाँव लोहिया समग्र विकास योजना में शामिल है| जहां इस गरीब महिला के नाम पर एक लोहिया आवास आवंटित किया गया है| शासन ने आवास निर्माण करवाने के लिए महिला के बैंक खाते में प्रथम क़िस्त के रूप में 49 हजार रुपए भेजे थे| इस रकम पर प्रधानपति नजर गढ़ाए हुए था| उसने महिला को पहले ही हिदायत दी थी कि आवास की रकम मिलते ही उसको दे दी जाए| वह अपने हिसाब से आवास का निर्माण करवाएगा| लेकिन महिला ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था| 10 अक्टूबर को महिला ने गाँव की कुछ अन्य महिलाओं के साथ बैंक ऑफ़ इण्डिया की शाखा बरखेडा जाकर अपना पैसा निकाल लिया और घर लेकर आ रही थी| रास्ते में प्रधानपति ने उसे घेर लिया और कहा कि लाओ रूपए दे दो| हम अपने हिसाब से सामान खरीद कर निर्माण करवाएंगे| लेकिन महिला ने जब आनाकानी की तो प्रधानपति ने अपने पुत्र वंटी, ड्राइवर कल्लन और राजीव के साथ मिलकर महिला को उठाकर कार में डाल लिया और असलहों के बल पर रूपए लूट लिए और महिला को रस्ते में उतार दिया| साथ ही शिकायत नहीं करने की भी धमकी दी| पीड़ित महिला ने गुरूवार को जिलाधिकारी एनकेएस चौहान को अपनी पीड़ा बताकर कार्रवाई करने कि मांग की है| डीएम ने पुलिस को जांचकर मामले में कार्रवाई करने का आदेश दिया है|