यूपी: भूमिहीन किसानो को नहीं, मंत्रियो को मिलते है पट्टे

Uncategorized

उत्तर प्रदेश में कहावत है कि यहाँ “लेखपाल” यानि की जिसे देश में कई जगह पटवारी भी कहा जाता है वो एक वार जो लिख देता है उसे राज्यपाल भी नहीं काट सकते| ये एक कडवी सच्चाई है इस प्रदेश में| इसीलिए लेखपालों के तबादले में भी लाखो का खेल हो जाता है| ये लेखपाल जीवित को मृत दिखा दे या फिर मरे हुए को जीवित दिखा कब करोडो की जमीन इधर से उधर कर दे पता नहीं चलता| सुना है कि नॉएडा और गाजियाबाद के लेखपाल तो प्रदेश के मुख्यालय लखनऊ में जाना पड़े तो हवाई जहाज से यात्रा करते हैं| एक बानगी इन लेखपालों के नए कारनामे की देखिये-

गौर से देखिये ऊपर की तस्वीर को| ये तस्वीर फर्रुखाबाद के कायमगंज तहसील में गंगा के बीहड़ो में उस इलाके में खीची गयी है जहाँ कभी कुख्यात कलुआ डकैत का जलजला था| कलुआ का सफाया हुए 5 साल बीत गए अब ये इलाका आबाद हो गया है| मगर फर्रुखाबाद के उन किसानो से नहीं जो डकैतों के डर से अपनी जमीन छोड़ का पलायन कर गए थे|अब इस इलाके को आबाद और हरा भरा किया है किया है पंजाब प्रान्त के एक पूर्व मंत्री ने|
ये पूर्व मंत्री है अकाली दल के पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह तोरी| तोरी यहाँ लगभग पांच सौ बीघा जमीन पर खेती कर रहे है| जिसमे लगभग दो सौ बीघा जमीन के उनके पास बैनामे है और बाकी जमीन के तीस से अधिक पट्टे| बैनामे की जमीन किसकी थी और कैसे बैनामा हुई ये सवाल ज्यादा सवाल नहीं खड़ा करता मगर सवाल खड़ा करता है पट्टे की जमीन|
उत्तर प्रदेश में सबसे पहले भूमिहीन किसानो को खेती के लिए जमीन पट्टे पर देने का नियम है तो फिर मत्री तोरी को ये जमीन कैसे पट्टे पर मिल गयी| क्या जनपद में हर किसान के पास जमीन है यानि कोई भी भूमिहीन नहीं रहा| भूमिहीन किसानो प्राथमिकता के तौर पर मिलने वाली पत्ते की जमीन गैर प्रान्त के एक पूर्व मंत्री जी मिली है| जाहिर है पहला काम किसी लेखपाल का रहा होगा| क्यूंकि खसरा खतौनी का हिसाब किताब रखना उसी की जिम्मेदारी होती है|
रविवार पांच दिसम्बर को एसडीएम् कायमगंज महेंद्र मिश्र किसान यूनियन के लम्बे संघर्ष और अनशन के बाद इलाके का मुआयना करने गए तो इलाके की तस्वीर देख दंग रह गए| मंत्री महोदय पंजाब पुलिस की कड़ी सुरक्षा में खेती करते पाए गए| उनके अलावा सैकड़ो सरदार इस बीहड़ में खेती करते मिले| फिलहाल बिना कागजो के जमीनों पर खेती करते पाए गए ७ सरदारों को पुलिस ने हिरासत में लिया है|
उधर मंत्री सुरेन्द्र सिंह तोरी का कहना है कि वो कोई गलत काम नहीं कर रहे है यहाँ के वीराने को उन्होंने हरा भरा कर दिया है| लगभग धमकी भरे अंदाज में तोरी कहते है कि अगर उन्हें यहाँ परेशान किया गया तो पंजाब में भी यूपी वाले रहते है|