फर्रुखाबाद: विकलांग विश्व विधालय चित्रकूट के कुलपति स्वामी रामभद्राचार्य के कहा है की उनके साथ 16 लोगो पर तुलसी तीर्थ की कमेटी को लेकर राजापुर मऊ में जो मुकदमा फर्जी सिमित बनाने के मामले में दर्ज किया गया है, वह केबल मऊ के जिलाधिकारी की दादागिरी का ही परिणाम है| उन्होंने यह भी कहा की अधिकारी मिलीभगत के चलते उनके अस्तित्व को खत्म करना चाहते है|
बीते दिन मऊ जनपद के थाना राजापुर में स्वामी रामभद्राचार्य व उनके 16 अन्य साथियों पर एसडीएम मऊ एके श्रीवास्तव ने धारा 419/420/467/471 के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया है| जिसमे पूर्व में बनी तुलसी तीर्थ की कमेटी होने के बाद भी रामभद्राचार्य के द्वारा फर्जी कमेटी का गठन करने का आरोप है| इस पर स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा की अगर अधिकारियो और पुलिस ने मिलकर उनके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया है, तो वह जिलाधिकारी की दादागिरी है| वह अपने अधिकारों का गलत प्रयोग कर रहे है| उन्होंने कहा है की मैंने अपने धार्मिक दायित्व का निर्वाहन किया है| पुलिस पहले जाँच करे इसके बाद वह अदालत की शरण में जायेगे| उन्होंने कहा है की अदालत पर उन्हें पूरा भरोसा है की वंहा उन्हें न्याय मिलेगा|
जबर मारे और रोने ना दे सपा सरकार पर बोले रामभद्राचार्य
उत्तर प्रदेश की सपा सरकार पर उन्होंने कहा की मेरी मुस्कराहट से ही समझ लीजिये की क्या चल रहा है| उन्होंने कहा की जबर मारे और रोने भी ना दे जैसा कुछ यूपी सरकार में चल रहा है| उन्होंने मोदी पर खासी उम्मीद जताई और कहा की मोदी सरकार को कुछ समय दे सब ठीक होगा|