फर्रुखाबाद: आठ दिवसीय राम कथा की अमृत वर्षा करने आये स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा की रामचरित मानस केबल हिन्दू धर्म के लिए नही बल्कि वह तो पुरे विश्व के लोगो व धर्मो का कल्याण करने वाला है| इस लिए रामचरित मानस को राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित होना चाहिए| उन्होंने ने पांडाल में मौजूद सभी श्रोताओ को राम रस की गंगा में गोते लगवाये|
शहर के आईटीआई चौराहा ठंडी सड़क स्थित रस्तोगी कोल्ड में रविवार से शुरू हुई श्री राम कथा से पहले महिलाओ ने स्वामी रामभद्राचार्य के रथ के साथ शहर के मुख्य मार्गो पर कलश यात्रा निकली| जो नया कोटा पर्चा से शुरू होकर कथा स्थल पंहुची| कथा को प्रारम्भ करते हुए रामभद्राचार्य ने राम चन्द्र गुन बरनहि लगा | सुनतहि सीता कर दुःख भागा || चौपाई को की पूरी कथा में केंद्र में रखा| उन्होंने कथा श्रवण कराते हुए श्री राम कथा के गुणों के वर्णन मात्र से ही सभी दुःख दूर भाग जाते है| उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह से गंगा प्रदूषित हो गयी है उसी प्रकार से रामकथा भी प्रदूषित हो गयी है| हमे गंगा के साथ साथ रामकथा को प्रदूषण मुक्त करने की आवश्यकता है| श्री स्वामी ने कहा राम सभी के है चाहे वह किसी भी धर्म का हो|
कथा में ही उन्होंने अयोध्या राम जन्म भूमि मंदिर के विषय में कहा की मंदिर 14 के अंत तक जरुर बनेगा| इसके साथ ही राम चरित मानस को राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित कराने का पूरा प्रयास किया जायेगा| कथा में मुख्य यजमान अनिल त्रिपाठी व् उमा त्रिपाठी ने पूजन किया| वही जिला जज व् उनकी पत्नी भी कथा को श्रवण करने पंहुचे| इसके अलावा अवधेश दीक्षित, प्रकाश तिवारी ददुआ, डॉ मनोज महरोत्रा, मिडिया प्रभारी सुरेन्द्र पाण्डेय, मनीष मिश्रा, अनुभव सारस्वत, ओमकार मिश्रा, रमेश चन्द्र मिश्रा,अशोक मिश्रा, शिवनारायण मिश्रा व् प्रमोद आदि सहयोगी मौजूद रहे|