चार सेकंड तय करेंगे मंगलयान का भविष्य

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mars-mission_21_09_2014बेंगलुरु:भारत के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट “मार्स आर्बिटर मिशन (एमओएम)” यानी मंगलयान के 24 सितंबर में मंगल ग्रह के कक्ष में प्रवेश से पहले सोमवार को अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा। इस दिन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) के वैज्ञानिक 10 महीने से स्लीप मोड में रहे यान के इंजन को स्टार्ट करेंगे। यह प्रक्रिया भारतीय समयानुसार दोपहर ढाई बजे शुरू की जाएगी।

अगर वैज्ञानिक इसे सफलतापूर्वक पूरा कर लेते हैं तो 24 सितंबर को भारत मंगलयान को मंगल ग्रह के कक्ष में स्थापित करने में कामयाब हो जाएगा। 450 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किए गए मंगलयान को नवंबर 2013 में आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया गया था। मंगलयान में सफल होने पर भारत दुनिया में ऐसा पहला देश होगा जिसने एक बार में ही यान को मंगल ग्रह की कक्ष में पहुंचा दिया। अब तक कई देशों से कुल मिलाकर 51 मंगल मिशन भेजे हैं जिसमें से केवल 21 ही कामयाब रहे हैं।

ये होगी प्रक्रिया

मंगलयान की 440 न्यूटन लिक्विड अपोजी मोटर (एलएएम) का इंजन पिछले 300 दिनों से स्लीप मोड में है। वैज्ञानिक इसे चार सेकंड के लिए स्टार्ट करेंगे। यह प्रक्रिया 24 सितंबर को आखिरी पड़ाव के पहले की तैयारी पूरी कर देगी। इसरो के एक अधिकारी ने कहा कि इंजन को शुरू करना एक अत्यंत कठिन चरण होगी। सारे कमांड अपलोड कर दिए गए हैं और यान के प्रमुख सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक सबसिस्टम अलर्ट मोड पर डाल दिए गए हैं। चार सेकंड के लिए इंजन शुरू कर यह पता चलेगा कि इसे 24 सितंबर को मंगल ग्रह के कक्ष में पहुंचाने के लिए लंबे समय तक चालू किया जा सकती है या नहीं।

इंजन के लिए तैयार हैं दो प्लान

इंजन शुरू करने की जटिल प्रक्रिया के लिए इसरो ने दो प्लान तैयार किए हैं। अगर प्लान ए असफल होता है तो विकल्प के तौर पर प्लान बी का उपयोग किया जाएगा। इसमें आठ थ्रस्टर लंबे समय तक के लिए फायर किए जाएंगे। हालांकि मंगल ग्रह के कक्ष तक जाने के लिए इस प्लान में ज्यादा ईंधन का उपयोग होगा।

24 सितंबर की प्रक्रिया कुछ ऐसी होगी

सोमवार को इसरो अगर मंगलयान के इंजन को स्टार्ट करने में सफल होता है तो 24 सितंबर को आसानी से यह कक्ष में पहुंच जाएगा। इसके बाद मंगलयान की गति को 22.1 किमी प्रति सेकंड की रफ्तार से कम कर 4.4 किमी प्रति सेकंड तक लाया जाएगा। कक्ष तक सफलतापूर्वक पहुंचाने के लिए इंजन को 24 मिनट तक फायर किया जाएगा।

22 सितंबर को इंजन को चार सेकंड के लिए फायर करना इस बात की पुष्टि कर देगा कि 10 महीने से स्लीप मोड वाल इंजन ठीक है। इसी के साथ हम 24 सितंबर को प्लान के मुताबिक आगे बढ़ सकेंगे। हमने 10 दिन पहले ही सारी जांच पूरी की ली है और इस मिशन में हम निश्चित रूप से सफल होंगे।
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