बंदी रक्षकों के अभाव में सेन्ट्रल जेल की सुरक्षा खतरे में

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फर्रुखाबाद: केन्द्रीय कारागार फतेहगढ़ में बीते कई वर्षों से बंदी रक्षकों के अभाव की बजह से सेन्ट्रल जेल सुरक्षा व्यवस्था खतरे में है। इस बावत वरिष्ठ जेल अधीक्षक यादवेन्द्र शुक्ला ने जेल सुरक्षा खतरे में होने की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र भेजा है।

989 बीघा में फैली एशिया की सबसे बड़ी जेल ‘सेन्ट्रल जेल फतेहगढ़’ की सुरक्षा होमगार्डों के हवाले है। बीते कई वर्षों से बंदी रक्षकों के अभाव से कई होमगार्डों की तैनाती जेल के टावरों, अधिकारियों के बंगलों व कारागार के अंदर काफी दिनों से चल रही है। जेल में 213 बंदी रक्षकों के पद हैं। जिनमें से महज एक सैकड़ा बंदी रक्षक कारागार में तैनात हैं। बंदी रक्षकों की भारी कमी व तादाद से दो गुने बंदियों की बजह से जेल में सुरक्षा व्यवस्था में काफी दिक्कतें आ रहीं हैं। वहीं दूसरी तरफ जेल में मात्र एक उपकारापाल (डिप्टी जेलर) की ही तैनाती है। शेष पद फिलहाल रिक्त हैं। जेल अधीक्षक ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए आला अधिकारियों को जेल की सुरक्षा व्यवस्था के विषय में लिखित रूप से पत्र लिखकर अवगत कराया।

जेल अधीक्षक यादवेन्द्र शुक्ला ने बताया कि अन्य जेलों की तुलना में केन्द्रीय कारागार में बंदी रक्षकों की भारी कमी है। जिस बजह से बंदी रक्षकों की ड्यूटी लगाने व उनको छुट्टी इत्यादि देने में काफी समस्या खड़ी हो जाती है। जेल में बंदी रक्षकों व डिप्टी जेलर की भारी कमी है। इस बावत आला अधिकारियों से बंदी रक्षकों व डिप्टी जेलरों की तैनाती की मांग की।