कैसे बढ़े उत्पादन, कागजों में बागवानी प्रशिक्षण

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फर्रुखाबाद: जिले में किसानों के प्रशिक्षण के नाम पर औपचारिकता निभाई जाती है जिसके कारण ही जितना उत्पादन बढ़ना चाहिए उतना नहीं हो पा रहा है|

लकूला स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में जिला औधौगिक मिशन की आज से शुरू हुई दो दिवसीय कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम की खाना पूरी की गई| कार्यक्रम में मात्र ९ लोग ही मौजूद रहे| जिनमे कस्बा शमसाबाद के मोहल्ला दलवीर खां निवासी मलखान सिंह पाल का १७ वर्षीय पुत्र शेरसिंह भी था|

कृषि विज्ञान केंद्र के समन्वयक डॉ राम प्रकाश, कृषि वैज्ञानिक डॉ अरविन्द कुमार, डॉ महेंद्र प्रसाद तथा डॉ जगदीश किशोर ने अमरुद उत्पादन के बारे में तकनीकी एवं बाग़ प्रवंधन की जानकारी दी|

किसानों को अमरुद के ताने में बीमारी लगने के कारण वृक्षों के सूख जाने तथा अमरुद में पड़ने वालों कीड़ों से निजात दिलाने के बारे में जानकारी दी गई| किसानों को बताया गया कि वह करीब १० वृक्षों के बीच फल मक्खी पेरोमेन ट्रेप के डिब्बे को बांस में बांधकर खडा कर दें| दवा की गंध से अमरुद के अन्दर के कीड़े मर जायेंगे|

कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि किसानो की मौजूदगी सुनश्चित करने की जिम्मेदारी जिला आलू विकास अधिकारी की है| उन्होंने बताया कि दो दिवसीय प्रशिक्षण पाने वाले कोसानों को १०० रुपये मानदेय तथा १०० रुपये नगद यात्राभत्ता समापन पर दिया जाता है|