पाक गंगा को नापाक मत करिये, गंगाजल से वजू और किनारे बैठ कुरआन की तिलावत करते हैं हम

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Ganga at farrukhabadफर्रुखाबाद: (फिरोज खान) हमारे देश में जहा गंगा पवित्र है वही पाक भी है ! जहा एक तरफ गंगा में स्नान करने से इंसान के पाप धुलते है वही इसके पानी से वज़ू कर इंसान पाक होकर नमाज़ अदा कर अपनी मग़फ़ारित की दुआ भी माँगता है ! गंगा में खड़े होकर माला जपते है वही गंगा किनारे कुरान की तिलावत भी करते है ! गंगा के पानी से वज़ू कर नमाज़ अदा कर गंगा किनारे कुरआन की तिलावत भी करते है ! गंगा इनके लिए एक माँ है ! गंगा से इबादत भी करते है और गंंगा इनको पालती भी है ! गंगा इनकी रोज़ी रोटी का भी ज़रिया भी है ! वही गंगा स्वर्ग लोक का दरवाज़ा भी है ! मौत के बाद गंगा किनारे ही मोक्ष का रास्ता मिलता है ! मुसलमान गंगा के ही पानी से ग़ुस्ल भी करता है !
पाक रमज़ान के महीने में फर्रुखाबाद में गंगा किनारे की छटा और भी निखरती है गंगा तट पर रहने वाले मुसलमान गंगा के पानी से वज़ू कर नमाज़ अदा करते है और गंगा किनारे बैठ कर कुरआन की तिलावत करते है ! गंगा इनके लिए माँ है जहां यह गंगा किनारे इबादत करते है वही गंगा इनकी रोज़ी रोटी का ज़रिया भी है ! नमाज़ का वख्त होते ही हर बच्चा और बूढा गंगा के पानी से वज़ू कर नमाज़ अदा करता है और गंगा तट पर कुरआन की तिलावत करता है !

इनके लिए गंगा किसी माँ से काम नही है रमज़ान हो या आम दिन हम लोग गंगा के ही पानी से वज़ू कर नमाज़ अदा करते है और गंगा किनारे ही बैठ कर कुरआन की तिलावत करते है !गंगा ही हमारे रोज़ी रोटी का भी ज़रिया है ! गंगा को अपनी माँ ही समझ कर इसकी इबादत करते है इसकी सफाई का भी पूरा ख्याल रखते है !

गंगा हमारे लिए हर मायने में आला है हम इसके पानी से वज़ू कर नमाज़ अदा करते है वही गंगा की गोद में बैठ कर कुरआन की तिलावत भी करते है ! गंगा से ही हमारी रोज़ी रोटी है ! हम अपने परिवार का पेट भी गंगा में वोट चला कर भरते है ! गंगा हमारे माँ है इसकी सफाई का भी पूरा ख्याल रखते है !
सही कहा है.… गंगा कोई नदी नहीं , यह है माता है , वेदो की यह साक्षी है , उद्द्वाता है, यही मुक्ती देती है , सबको शमसान पर , देवो में भी पूजित , पूजित इंसानो में भी। मोक्षदायिनी पतित पविनी गंगा पाक है वही स्वर्ग लोक का दरवाज़ा भी है गंगा इबादत का किनारा है वही गंगा की ही गोद में बैठ कर इंसान आखरी सांस भी लेता है !
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