बदायूं कांड के गवाहों को पीड़ित परिवार ने दिए 1-1 लाख रुपये

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badayun_case 2बदायूं:बदायूं में गैंगरेप के बाद दो बहनों की हत्या का मामला नया मोड़ ले रहा है। मामले की जांच कर रही सीबीआई को शक है कि ये ऑनर किलिंग का मामला भी हो सकता है। सीबीआई ने वो मोबाइल फोन बरामद कर लिया है जो मारी गई दोनों बहनों में से एक के पास था। मोबाइल की बात परिवार ने पुलिस से छिपाई थी। यही नहीं दो गवाहों को एक-एक लाख रिश्वत देने की बात भी सामने आई है। पुलिस सूत्रों की मानें तो सीबीआई आने वाले दिनों में कुछ गिरफ्तारियां भी कर सकती है।
बदायूं कांड की जांच में जुटी सीबीआई को जो तथ्य हाथ लग रहे हैं, वो इशारा कर रहे हैं कि मामला एकदम उल्टा भी हो सकता है। सीबीआई को शक है कि दोनों लड़कियों की हत्या ऑनर किलिंग का भी नतीजा हो सकती है। सीबीआई के मुताबिक वारदात के वक्त छोटी बहन के पास एक मोबाइल भी था जो ऑन था। ये मोबाइल और सिम वारदात के 15 दिन पहले ही फर्जी आईडी से खरीदे गए थे। वारदात के बाद मोबाइल तोड़ दिया गया। पुलिस की पूछताछ में पीड़ित परिवार लगातार इस बात से इनकार करता रहा कि दोनों में से किसी लड़की के पास कोई मोबाइल था।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक आरोपी के मोबाइल कॉल रिकार्ड्स से कई कॉल्स ऐसी मिलीं जिसने मोबाइल होने और उसकी लोकेशन की जानकारी दे दी। अंत में ये मोबाइल लड़की के मामा के घर से ही बरामद किया गया है। परिवार की सफाई है कि उन्हें पुलिस पर भरोसा नहीं था लेकिन सीबीआई पर भरोसा है इसलिए मोबाइल उसे दे दिया।
यही नहीं छानबीन में लगी सीबीआई को गवाह बाबूराम और रामबाबू के खातों में एक-एक लाख रुपये दिए जाने की बात सीबीआई को बैंक अकाउंट खंगालने से मिली। अब तक खामोश बैठा पीड़ित परिवार खुद इस बात को कबूल कर रहा है कि उसने एक-एक लाख रुपया दोनों को दिया है। मगर दावा ये कि ये रकम बतौर आर्थिक मदद दी गई, न कि रिश्वत की तरह।
लड़की के पिता ने कहा कि हमने किसी को कोई रिश्वत तो नहीं दी। एक महीने से उनका सब काम बंद है। दोनों लोग मजदूरी भी नहीं कर रहे हैं इसलिए दे दिया पैसा। गवाह बाबूराम ने भी कहा कि हम मजदूरी नहीं कर रहे थे इसलिये पैसा ले लिया। कोई रिश्वत ली है क्या।
इन सब बातों के खुलने के बाद अब सीबीआई की छानबीन चार सवालों की तरफ बढ़ गई है। पहला सवाल-लड़की के पास मोबाइल की बात परिवार ने क्यों छुपाई? दूसरा सवाल-झूठ बोला भी तो मोबाइल तोड़ा क्यों आखिर क्या राज था मोबाइल में? तीसरा सवाल-खुद मजदूरी करने वाले परिवार ने रिश्तेदारों को एक-एक लाख रुपया क्यों दिया? चौथा और अहम सवाल-क्या इन गवाहों को कोई खास बयान देने के मकसद से रकम दी गई? सीबीआई ने परिवार के कुछ सदस्यों का पॉलीग्राफिक टेस्ट कराया है। माना जा रहा है कि जल्द ही कुछ लोगों को हिरासत में लेकर भी पूछताछ की जा सकती है।