डीएम ने की सूखा-बाढ राहत की कार्य योजना एक सप्‍ताह मे तलब

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फर्रूखाबाद। पिछली बार जिन क्षेत्रों में गंगा और रामगंगा व काली नदी से बाढ से ज्यादा कटान हुई उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देकर सम्भावित बाढ को दृष्टिगत रखते हुये बाढ राहत कार्य से जुडे़ अधिकारी अपनी कार्य योजना एक सप्ताह में प्रस्तुत करें। यह निर्देश जिलाधिकारी पवन कुमार ने सम्भावित सूखा-बाढ की स्‍थिति से निपटने के लिये कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई बैठक में अधिकारियों को दिये।

उन्होंने कहा कि अभी से बाढ चौकियों व बाढ ग्रस्त व्यक्तियों के लिये सुरक्षित स्थानों का चयन कर लें जिससे कि बाढ के समय आपदा ग्रस्त लोगों को ठहराया जा सके। बैठक मे बताया गया कि कायमगंज तहसील में कम्पिल की तराई, शमशाबाद के ढाई घाट, सदर तहसील के भोजपुर व गंगापार के 72 गांवों में बाढ आने पर क्षेत्र प्रभावित होता है। जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग, जल निगम व सभी उपजिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि हर प्रकार की तैयारी जिसमे बाढ कंट्रोल रूम व अन्य राहत कार शामिल हैं उसकी व्यवस्था पूर्व में ही कर लें। जल निगम बाढ ग्रस्त क्षेत्रों में लगे हैन्डपम्पों के प्लेटफार्म को ऊचां करवा दें। लोकनिर्माण विभाग सडको का अवलोकन कर लें। टूट फूट होने पर उसकी योजना पहले से बनाकर बाढ के पश्चात उसकी मरम्मत के लिये उसके निर्माण की व्यवस्था सुनिश्चित करायें। जो सम्पत्ति बाढ के समय क्षतिग्रस्त होती है उसका पहले से आकलन कर लें जो पंचायत अथवा अन्य विभागों की हैं और जिनका अस्तित्व बाढ प्रभावित क्षेत्रों में है। उसका आकलन भी बाढ आने से पूर्व कर लें। जिलाधिकारी ने जिलापूर्तिधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि वे खाद्य पदार्थों तथा अन्य राशन की वस्तुओं जैसे मिटटी का तेल आदि का स्टाक पहले से ही सुरक्षित कर लें ताकि आवश्यकतानुसार बाढ पीडितों में बांटा जा सके।

1 इसके पश्चात सूखे की संभावना को दृष्टिगत रखते हुये एक अन्य बैठक मे जिलाधिकरी ने सभी खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि दो माह के अन्दर समस्त नलकूपों का सर्वेक्षण करा लें और गांवों में लगे हैन्डपम्पों की रीबोरिंग या अन्य छोटी छोटी मरम्मत का कार्य ग्राम पंचायत निधि से करायें क्योंकि गांवों में लगी हैन्डपम्पों मरम्मत का कार्य जल निगम द्वारा नहीं किया जायेगा।

गावों के सभी तालाब व पोखरो को प्राथमिकता से भरवाया जाये ताकि गर्मी में पशुओं के पेयजल की समस्या उत्पन्न न हो। जिलाधिकारी ने दस मई तक सभी खण्ड विकास अधिकारियों को राज्य वित्त आयोग से प्राप्त धन से तालाबों को बनाये जाने के निर्देश दिये। मुख्य चिकित्साधिकारी डा राकेश कुमार को आदेशित करते हुये जिलाधिकारी ने कहा कि गर्मी के मौसम में फैलने वाली संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिये जिले में दवाइयों एवं टीकाकरण के आवश्यक प्रबन्ध करें। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को गांवों में चारे की कमी न होने देने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने अधिशाषी अभियन्ता नलकूप की गैर हाजिरी पर नाराजगी जायर करते हुये उनका स्पष्टीकरण मांगने के आदेश दिये। बैठक में सीडिओ, सभी उपजिलाधिकारी, खण्ड विकास अधिकारियों सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।