सौ घंटे का भी हनीमून पीरियड नहीं मिला सरकार को: मोदी

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modi_blogaनई दिल्ली:एनडीए सरकार के एक महीने पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्लॉग लिखा है। ब्लॉग में लोगों के स्नेह और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया है लेकिन अपनी सरकार की हो रही आलोचनाओं पर भी चुप्पी तोड़ी है।
मोदी ने लिखा है कि आज हमारी सरकार ने एक महीने पूरे कर लिए। इस दौरान लोगों के स्नेह और समर्थन ने हमें और कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा दी है। पिछले 67 साल की तुलना एक महीने से नहीं की जा सकती, लेकिन मैं इतना जरूर कहूंगा कि पिछले एक महीने का एक-एक पल हमने लोगों की सेवा में समर्पित किया है। हमने हर फैसला देशहित को ध्यान में रखते हुए लिया है।
मोदी ने लिखा है कि जब पिछले महीने हमने कार्यभार संभाला तो मुझे हमेशा लगता था कि मैं इस जगह के लिए नया हूं। लोग समझते थे कि मुझे केंद्र सरकार का काम समझने में एक या दो साल लगेंगे। किस्मत से अब मेरे जेहन में वो बात नहीं है। मेरा आत्मविश्वास कई गुना बढ़ा है और ये सब मेरे मंत्रिमंडल के अनुभवी साथियों और मेरे चार बार के मुख्यमंत्री कार्यकाल के अनुभव के चलते हुआ। लोगों का स्नेह और अफसरों के समर्थन से भी मेरा आत्मविश्वास बढ़ा।
मोदी ने लिखा है कि पिछले कुछ दिनों से मैं तमाम विभागों के मंत्रियों और अफसरों से मिलता रहा हूं। मेरे सामने कुछ बेहतरीन प्रस्ताव और सुझाव आए हैं। मुझे ऐसा लगता है कि कुछ बातें ऐसी हैं जिनमें वाकई हमें सुधार की जरूरत है। दिल्ली में मुझे एक चुनौती ये भी मिल रही है कि हमें सरकार के भीतर और सरकार के बाहर अपनी नीयत और देश में बदलाव की ईमानदार कोशिशों के बारे में भी लगातार बताना पड़ रहा है।
मोदी ने लिखा है कि पिछले दिनों ऐसे वाकये हुए जिसमें सरकार का कोई लेना-देना नहीं था, लेकिन फिर भी विवाद हुआ। मैं किसी पर आरोप नहीं लगा रहा लेकिन हमें अपना सिस्टम मजबूत करना होगा जिसमें सही बातें, सही लोगों को, सही वक्त पर बताई जाएं। मुझे उम्मीद है कि बदलाव आएगा।
मोदी ने लिखा है कि नई नवेली सरकारों के शुरुआती समय को मीडिया के दोस्त हनीमून पीरियड कहते हैं। पुरानी सरकारों ने ये हनीमून पीरियड सौ दिन के बाद भी भोगा है लेकिन जैसी कि उम्मीद थी मेरे पास ऐसी कोई लक्जरी नहीं है। सौ दिन भूल जाइए, आरोपों की शुरुआत तो सौ घंटे में ही शुरू हो गई। लेकिन जब कोई पूरी निष्ठा के साथ देश की सेवा के लिए काम करता है तो ये चीजें मायने नहीं रखतीं। यही वजह है कि मैं काम करता रहता हूं और इसी में सबसे ज्यादा संतुष्टि मिलती है।