NGO की मनमानी, छात्रों को 3 माह में एक बार रोटी

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फर्रुखाबाद: दबंग लोग अधिकारियों को प्रभावित कर एनजीओ की आढ़ में मनमाने ढंग से मध्यान्ह भोजन का वितरण का रहे हैं| मेनू को ताक पर रखकर 3 माह के दौरान मात्र एक दिन ही बच्चों को रोटी खिलाई गयी|

यह किसी आम आदमी का आरोप नहीं बल्कि मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण उत्तर प्रदेश के सहायक उपनिदेशक संजीव कुमार सिंह की जांच रिपोर्ट में सच्चाई उजागर हुई है| सिद्धार्थ जनकल्याण शिक्षण संस्थान की जांच में पाया गया कि उनके द्वारा नरेन्द्र सरीन मांटेशरी स्कूल में निर्मित किचेन शेड को केंद्रीयकृत किचेन शेड के रूप में प्रयोग किया जा रहा है| जिसमे 113 बोरा चावल, 87 बोरा गेंहू आवश्यकता से अधिक पाया गया|

स्कूल के एक कक्ष को भी अनाधिक्रत रूप से प्रयोग किया जा रहा है| भोजन वितरण करने वाले कर्मचारियों के पास कोई पहिचान पत्र नहीं मिला| मेनू के अनुसार रोटी का वितरण न करके माह जुलाई में रसोईयों के मानदेय का भी भुगतान नहीं किया गया है| संस्था ने जांच अधिकारी को कैश बुक तथा स्टाक रजिस्टर नहीं दिखाया|

शांति समाज सेवा समिति की जांच में पाया गया कि संस्था ने माह जुलाई, अगस्त एवं सितम्बर में अन्गूरीबाग, पलरा तालाब, रेलवे स्टेशन एवं भाऊटोला प्राथमिक विद्यालय के छात्रों को केवल एक दिन ही रोटी खिलाई| इनके भी भंडारण कक्ष में आवश्यकता से अधिक खाधान्न पाया गया| रसोईयों के मानदेय का भी भुगतान नहीं किया गया|

प्रियम आनंद शिक्षा प्रसार समिति के केंद्रीय कृत किचेन प्राथमिक विद्यालय कमालगंज के निरीक्षण के दौरान संस्था का कोई प्रतिनिधि नहीं मिला| जिसके कारण किचेन व भंडारण की जांच नहीं हो सकी| प्राथमिक विद्यालय कमालगंज में नामांकित 210 के सापेक्ष 57 उच्च प्राथमिक विद्यालय में नामांकित 60 के सापेक्ष 22 तथा कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय में 69 छात्रों के सापेक्ष मात्र 30 मौजूद मिले| यहाँ के भी रसोईयों का भुगतान नहीं किया गया|

इस संस्था के प्रतिनिधियों ने जांच करने वाले अधिकारियों को ठेंगा दिखाया है| जो पूर्व सूचना के बाबजूद भी उपस्थित नहीं मिले|