देख लो किसे चुना है- जिले के विकास की कार्ययोजना बैठक में सांसद और विधायक नदारद

Uncategorized

MEETING JPSफर्रुखाबाद: अब वक़्त बदलाव और जागरूकता का आ गया है| लोकतंत्र में जिस का जो काम है वो अगर उसे पूरा न करे तो जनता को उसे बदल देने का अधिकार दिया गया है| अगर प्रशासनिक व्यवस्था सही काम नहीं करे तो उसे बदलने के लिए जनता के चुने हुए प्रतिनिधि होते है और अगर वे भी सही काम न करे तो हर 5 साल बाद उन्हें भी किनारे लगाने का काम जनता कर देती है| ऐसे में जनता को यह जानना जरुरी है कि जिस प्रशासनिक व्यवस्था को जनप्रतिनिधि जनता के काम के लिए सही उपयोग न कर सके उन्हें ही बदलना ठीक होगा| आखिर जनता के पैसे से ऐशो आराम के लिए जनप्रतिनिधि नहीं चुने जाते| उन्हें भारी भरकम सुविधाओ के बदले जनता के लिए काम करना होता है योजनाये बनानी होती है| जनता के बीच जाकर उनकी तकलीफे पूछनी होती है| मगर ये सब नहीं हो रहा है| अगले एक सप्ताह बाद यानि 16 जून 2014 को वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए जिले किए विकास की कार्ययोजना पास हो जाएगी और जनता के चुने हुए नुमायन्दो को नहीं मालूम की 16 करोड़ के खर्च वाली विकास योजना में कौन कौन सा काम होना है|

रविवार 8 जून 2014 को जिला विकास भवन पर जिले के विकास के कार्ययोजना की बैठक बुलाई गयी थी| चुने हुए प्रतिनिधि जो जिला विकास योजना की बैठक में भाग लेते है उनमे से बड़े प्रतिनिधि तो एक भी नहीं आये| यानि की सभी विधायक और सांसदों ने बैठक में आने की कोई जहमत नहीं उठायी| रविवार को बैठक होने के कारण सांसद और विधायक संसद और विधानसभा या विधान परिषद के सदन चलने की बात नहीं कह सकते| भारी भरकम टीए, डीए, सहयोगी, और भत्ता इसलिए नहीं मिलता कि बैठक में ठेकेदार या किसी पुतले को भेज कर उपस्थिति दर्ज करा दो| ये जिले के विकास का कार्यक्रम है किसी के समधियाने में शादी/मुंडन का का जश्न नहीं जहाँ व्यवहार लिखाने के लिए भाई भतीजे या चमचो को भेज दो| तो जिला विकास योजना की बैठक में जिन्हे आना था वे नहीं आये| ये नाम है नवनिर्वाचित सांसद मुकेश राजपूत, विधायक जमालुद्दीन सिद्दीकी, विधायक नरेंद्र सिंह यादव, विधायक अजीत कठेरिया, विधायक विजय सिंह, विधान परिषद सदस्य मनोज अग्रवाल कोई नहीं गया| सभी ने अपने प्रतिनिधि भेजे जिन्हे ये भी देखने को नहीं मिला कि जिस 96 करोड़ की योजना को अगले हफ्ते मंत्री शिव कुमार बेरिया की मीटिंग में पास कर दिया जायेगा उसमे होना क्या है| पैसा किस किस चीज के लिए खच होना है|

है न कमाल की बात-
अब जिला विकास योजना में जो पहुंचे उनमे से सांसद मुकेश राजपूत के प्रतिनिधि के तौर पर भाजपा जिला महामंत्री विमल कटियार थे| जो एक कोने में चुपचाप तमाशा देख कर लौट आये| विधायक नरेंद्र सिंह यादव के प्रतिनिधि के तौर पर ठेकेदार अवस्थी पहुंचे जो ये नहीं पूछ सके कि जब जल निगम अपने सभी कार्य संतृप्त बता रहा है और हैण्डपम्प सभी लग चुके है तो उसे 50 लाख रुपये किसलिए चाहिए| कहा खर्च होने य रुपये इसका खाका लेकर कोई आया नहीं था|

[bannergarden id=”8″] [bannergarden id=”11″]
दूसरी पंक्ति के भी अधिकांश प्रतिनिधि भी ख़ामोशी से ठंडा पीकर वापस लौट आये-
जिले में दूसरी पंक्ति के प्रतिनिधि यानि की ब्लाक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य आदि भी ख़ामोशी से मीटिंग के एजेंडा के चार पैन लेकर वापस लौट आये जिन पर लिखा है कि किस विभाग को अगले वर्ष कितना पैसा चाहिए| लगातार छोटा होता जा रहा अजेंडे में ये भी नहीं लिखा गया कि कौन सा विभाग ये पैसा किस किस मद में खर्च करेगा|

इंटरनेट पर भी जिला विकास योजना के विस्तृत आंकड़े नहीं डाले जाते-

आज जब हर अधिकारी से लेकर नेताओ के हाथ में एंड्राइड मोबाइल है| गाव गाव युवा मोबाइल पर इंटरनेट इस्तेमाल कर रहा है ऐसे युग में भी जिस गाव में कुछ होना उसका कोई आंकड़ा वेबसाइट पर नहीं होता है| जिला पंचायत का तो कहना ही क्या| आज नगरपालिका से लेकर न्यायपालिका तक इंटरनेट पर है मगर जिला पंचायत की कोई वेबसाइट नहीं है| हालाँकि जिला पंचायत अध्यक्ष से लेकर अधिकांश जला पंचायत सदस्य एंड्राइड मोबाइल इस्तेमाल करते है| मगर शायद इन्हे कोई आंकड़े जनता तक पहुचाने ही नहीं है| आखिर ऐसा क्या चुरा रहे है जो जनता से छुपाना चाहते है ये बड़ा सवाल है? यही नहीं फर्रुखाबाद की सरकारी वेबसाइट पर भी ये आंकड़े जनता के अवलोकन के लिए नहीं भेजे जाते| कहावत पुरानी है मगर है कामयाब- “अँधा बाते रेवड़ी, बार बार अपने को ही दे”| आखिर अधिकांश अध्यक्ष को कुर्सी पर बैठाने के लिए लाखो में बिके थे तो मुह भी खोले किस मुह से….बेचारे जिला पंचायत सदस्य? मगर अगले चुनाव में जनता सब जानेगी| एक साल ही तो बचा है…