लखनऊ: आम आदमी के साथ हुई घटना में उत्तर प्रदेश पुलिस भले ही सुस्त पड़ी रहे लेकिन कैबिनेट मंत्री आजम खां की भैंस चोरी के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस अति सक्रिय रहती है। आजम खां की भैस चोरी के मामले में घटना के चंद रोज बाद ही भैंस चोर रामपुर में पकड़े गए और अब कल इटावा में इनकी गिरफ्तारी की गई। अब प्रश्न यह उठता है कि पहले जो पकड़े गए थे वो सही थे या जो चोर कल इटावा में पकड़े गए वो सही हैं। इस हकीकत से तो उत्तर प्रदेश की काबिल पुलिस ही पर्दा हटा सकती है।
इटावा में बकेवर थाना पुलिस ने ग्राम उझियानी के निकट गुरुवार रात वाहन लूटने की योजना बना रहे सात लुटेरों को अवैध असलहों के साथ गिरफ्तार किया है। इनमें प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आजम खां की भैंस चुराने वाला भी शामिल है। मामले का दिलचस्प पहलू यह है कि भैंस चुराने वाले आरोपी ने बताया कि रामपुर पुलिस ने फर्जी रूप से मंत्री की भैंस के मामले में कई लोगों को जेल भेज दिया है।
मंत्री आजम खां की भैंस चोरी करने वाले आरोपी इख्ति्यार निवासी बरेली गेट सिविल लाइन रामपुर ने बताया कि पांच माह पूर्व उसी ने ही आजम के पशुबाड़े से भैंस चोरी की थी। उसने बताया कि रामपुर पुलिस ने भैंसों की बरामदगी के लिए निर्दोष लोगों को इस घटना में जेल भेजा है। उसके न पकड़े जाने से उसके हौसले बुलंद हो गए और वह सहयोगियों के साथ पशु चोरी की घटनाओं के साथ वाहन लूटने का काम भी करने लगा।
पकड़े गए बदमाशों में सालिम, इख्तियार निवासी बरेली गेट सिविल लाइन रामपुर, सलीम, फुरकान, गुलफाम, मो. उमर निवासी शिरसी मुरादाबाद, मुजफ्फर निवासी जुमेरात का बाजार पाकबाड़ा मुरादाबाद हैं। इन लोगों ने बताया कि इन्होंने अब तक मुरादाबाद से लेकर नेशनल हाइवे के फतेहपुर जिले तक वाहनों की लूटपाट की कई घटनाओं को अंजाम दिया है।
गौरतलब है कि आजम खां के तबेले से 31 जनवरी की देर रात सात भैंस चोरी हो गई थीं। इस खबर से प्रदेश भर में तहलका मच गया। इनकी तलाश में पूरे जिले की पुलिस जुट गई। क्रइम ब्रांच को भी चोरों की तलाश में लगा दिया गया। चोरी मंत्री के यहां हुई थी, इसलिए प्रशासन भी जुट गया। तत्कालीन जिलाधिकारी नरेंद्र कुमार सिंह चौहान ने अपर जिलाधिकारी सैयद निजामुद्दीन व नगर मजिस्ट्रेट रमा शंकर गुप्ता को स्लाटर हाउस चेक करने में लगा दिया। यहां तक कि लेखपालों को भी खोज में लगा दिया गया। नगर मजिस्ट्रेट, तहसीलदार व सीओ सिटी ने मीट फैक्ट्रियों को चेक किया। जमजम और फेयर एक्सपोर्ट में भी तलाशी ली गई, लेकिन एक भी भैंस बरामद नहीं हो सकी। घटना के 36 घंटे बाद काबिल पुलिस ने सात भैंस बरामद कर उनके तबेले में पहुंचा दिया। पुलिस अधीक्षक साधना गोस्वामी ने रात्रि गश्त में लापरवाही को कारण मानते हुए दरोगा सुनील कुमार, कांस्टेबिल अजय कुमार और विपिन कुमार को लाइन हाजिर कर दिया। तीनों तबेले से जुड़ी एकता तिराहा चौकी पर तैनात थे। पुलिस के अनुसार दो भैंस भोट थाना क्षेत्र के ग्राम इंड्रा और दो थाना शहजादनगर के चमरौवा क्षेत्र से मिलीं। इसके अलावा दो भैंस तबेले के आसपास घूमती मिलीं, जबकि एक भैंस शहर में मंत्री के घर के करीब मुमताज पार्क के पास मिली।
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