फर्रुखाबाद/लखनऊ: सीबीआइ ने आइएएस अधिकारी प्रदीप शुक्ला के खिलाफ एक और प्रकरण में मुकदमा शुरू करने की राज्य सरकार से इजाजत मांगी है। यूपी सरकार पहले ही तीन मामलों में अभियोजन की मंजूरी दे चुकी है। यूपी के बहुचर्चित एनआरएचएम घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने पाया है कि बसपा सरकार में प्रदेश में बने 125 चिकित्सालयों में लगने वाले जल शुद्धिकरण मशीन की खरीद-फरोख्त में भी व्यापक गड़बड़ियां की गयी हैं। फर्रुखाबाद में भी जा शुद्धिकरण सयंत्र लगाया गया था| हालाँकि लोहिया अस्पताल में लगा जल शुद्धिकरण सयंत्र बसपा सरकार में मंत्री और फर्रुखाबाद के तत्कालीन विधायक अनंत कुमार मिश्र की विधायक निधि से लगा बताया गया| फिर राज्य का लगने वाला जल शुद्धिकरण सयंत्र कहा गया? आज तक स्वास्थ्य विभाग में इस जल शुद्धिकरण सयंत्र का हस्तांतरण न होना इसी घपले का एक हिस्सा है|
सीएचसी, पीएचसी व महिला एवं प्रसूति केंद्रों के भवन निर्माण में भी करोड़ों का घोटाला किया गया। सीबीआइ ने इसके लिए तत्कालीन प्रमुख सचिव स्वास्थ्य व एनआरएचएम के मिशन निदेशक प्रदीप शुक्ला और कई डाक्टरों को दोषी पाया है, जिनके खिलाफ मुकदमा चलाने की राज्य सरकार से इजाजत मांगी गयी है। सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार पहले ही एनआरएचएम के तीन मामलों में अभियोजन की इजाजत दे चुकी है, जिसका मुकदमा चल रहा है। आइएएस प्रदीप शुक्ला इन दिनों अदालत से अंतरिम जमानत पर हैं। सीबीआइ सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार से अभियोजन की स्वीकृति मिलते ही आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा।
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