पीडी से स्टेडियम तक मतदाता जागरूक और स्टेडियम से सीएमओ दफ्तर तक बेटी बचाओ रैली

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Matdata Divasफर्रुखाबाद: सरकार के पास योजनाये ज्यादा है और मशीनरी कम| योजना भवन में योजना बनाने वाले शायद ये नहीं सोचते कि एक साथ ढेर सारे कार्यक्रम कैसे पूरे होंगे| बीएस योजना बनायीं और जनता का धन खर्च कर दिया| योजना से जनता को लाभ मिले न मिले सरकारी…..| ताजा नजारा आज जिला मुख्यालय पर हुए दो सरकारी कार्यक्रम का है| जिसमे मतदाता दिवस तो अपने तय दिन 25 जनवरी को मनाया गया| और दूसरा कार्यक्रम एक दिन बाद मनाया गया| फिलहाल कार्यक्रम भी हो गए| फोटो भी खिच गए| बजट भी समायोजित होने का जरिया निकल आया| बस अगर नहीं हो सका तो योजना की सफलता का परिणाम|
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मतदाता दिवस की रैली- पीडी महिला डिग्री कॉलेज से स्टेडियम तक-
चुनाव आयोग के निदेश पर पूरे देश में आज मतदाता दिवस का आयोजन किया गया| अलबत्ता ब्लाक स्तर पर कई दिन से कार्यक्रम चल रहे है| स्कूल कॉलेज में गोष्टी हो रही है| मगर आम जनता के बीच में जाकर मतदाता जागरूक करने का काम कहीं बहुत पीछे छूट गया लगता है|
फतेहगढ़ में मुख्यालय पर इस आयोजन का उदघाटन जिलाधिकारी पवन कुमार ने किया| पी डी महिला डिग्री कॉलेज, राजकीय कन्या और राजकीय बालक इंटर कॉलेज के बच्चो के जलूस को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया गया| और स्टेडियम में आकर विभिन्न कार्यक्रम हुए| बच्चो ने NVD की श्रंखला बनायीं| मगर दर्शको का टोटा रहा| रैली का मार्ग भी किसी नागरिक या रिहायश के इलाके या बाजार में नहीं था| जिस रूट पर ये रैली निकली उस पर कचहरी, सरकारी अफसरों के निवास, बच्चो का स्वयम का कॉलेज और न्यायाधीशों की कॉलोनी ही है| अब मतदाता जागरूक रैली का यह सुलभ मार्ग कितने मतदाताओ को जागरूक कर पाया होगा ये शोध का विषय है मगर कार्यक्रम हो गया| रिपोर्टिंग भी हो गयी| रैली में नगर मजिस्ट्रेट, एस डी एम् सदर जॉइंट मजिस्ट्रेट और मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित कई सरकारी अफसर और शिक्षा विभाग के लोग मौजूद रहे|
Save Child Girl Farrukhabad
एक दिन लेट निकली “सेव गर्ल चाइल्ड” रैली
वैसे तो इस रैली को 24 जनवरी को निकलना था मगर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने मतदाता दिवस रैली की भीड़ का फायदा उठाया और रैली एक दिन बाद निकाल खानापूर्ति कर दी| खानापूर्ति इसलिए कि जिस जगह से रैली शुरू हुई और जहाँ तक पहुची उस बीच न कोई रिहायश और न कोई बाजार| कुछ यू समझो की जंगल में मोर नचा देखा किसने? तो रैली का बजट भी खर्च हो गया| योजना की रैली के फोटो भी खिच गए और रैली निकलने के लिए कोई अतिरिक्त मेहनत भी नहीं करनी पड़ी| हाँ स्टेडियम में रैली को झंडी को दिखाने के लिए एक प्रशासनिक अधिकारी ने शायद इसीलिए हाथ खीच लिया क्योंकि उन्हें इस रैली की हकीकत पता चल गयी| अलबत्ता खुद मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने रैली को झंडी दिखाने की फोटॉ खिचवायी| रैली स्टेडियम से फतेहगढ़ चौराहे होते हुए सी एम् ओ दफ्तर में आकर ख़त्म हो गयी| कहाँ थी रिहायश और कहाँ थी जनता? कौन जागरूक हुआ इससे न तो जिला स्तर के अधिकारी को कोई मतलब और न राज्य स्तर के अधिकारी को| बस योजना का बजट स्वाहा हो गया| लाभ मिले न मिले इनकी बला से|
Matdata Divas Farrukhabad
बात व्यवहारिक भी है| मुख्यमंत्री का कार्यक्रम सर पर है| मेला रामनगरिया का रेलमपेला भी चल रहा है| ऊपर से चुनाव की तैयारी में प्रशासनिक अधिकारी तो चकरघिन्नी बने हुए मगर जिनके कंधो पर सिर्फ अपना-अपना ही काम है सवाल तो उनसे पूछने का बनता है| पूछेगा कौन? वे तो वोट समेत रहे है? सरकारी खजाने की बर्बादी से उन्हें क्या? स्टेडियम में जिलाधिकारी और अन्य अफसरो सहित बच्चो ने मतदाताओ को जागरूक करने का काम भी मंच से किया| मगर आयोजन करने वाले भी वही थे और आयोजन का लाभ उठाने वाले भी वही| कॉलेज के शिक्षक, प्रोफेस्सर और सरकारी अफसरो के आलावा जिसके लिए आयोजन किया गया वो जनता जनार्दन तो वहाँ थी ही नहीं| लाख टके का सवाल ये है कि आयोजन हुआ किसके लिए? स्वस्थ्य विभाग के एक सूत्र ने बताया कि चूँकि मुख्य चिकित्सा अधिाकरी कल जिले में नहीं थे इसलिए ये रैली एक दिन बाद निकली| ये तो वही बात हुई कि अगर देश के प्रधानमंत्री देश से बाहर हो तो गणतंत्र दिवस 27 जनवरी को मना लिया जाए|

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