तो मैं करू….| और क्या गारंटी है कि तुमने मुझे वोट दिया? नेताजी तो वोट पड़ने के दूसरे दिन से ही मगरूर बन्दर की तरह गुलाटी मार गए| बेचारा वोटर कसमसा कर रह गया| दो दिन पहले जिस नेता ने घर आकर सबके सामने जो सम्मान दिया था वो काफुर हो गया| आज तो नेताजी को घर पर संभावित जीत की बधाई देने गए थे| मगर नेताजी ने पहले तो एक घंटे तक पहचाना ही नहीं और जब जबरिया खुद परिचय देते हुए अंगुली दिखाई कि पूरे मोहल्ले के वोट आपको दिलवाए है तो जबाब मिला कि क्या करू…|
ये कोई नई बात नहीं है| आपने वोट दिया हो या न दिया हो, गेंद अब नेताजी के पाले में है| जीत हार उनकी होगी| गलियां वेभाव मतदाताओ के खाते में आनी है| 22 में से 21 गरिआएँगे| जीतने वाला भी आपके वोट का एहसानमंद होगा इसकी कोई गारंटी नहीं| तरह तरह के जुमले हारने वाल इस्तेमाल करेगा| जनता ने धोखा दिया से शुरू होकर हर प्रकार की शरीर के उद्धरण के साथ गलियों की बौछारें चलेगी| समर्थक चमचे बजती ढोलक पर टांची (झाड़ू की सीक जो ढोलक पर मारी जाती है ताल मिलाने के लिए) लगाएंगे| और आप अंगुली दिखाते ही रह जायेंगे| आजकल फेसबुक पर बहुत अंगुली दिख रही है| जिसे देखो अपने मोबाइल से खुद की फोटो खीच उपलोड कर रहा है| मोदी ने भी वोट डालने के बाद ट्विटर पर अपनी फोटो लोड की|
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बेचारा मतदाता मन मसोस कर रह गया| एक बार साक्षी सांसद बने| कायमगंज में एक मतदाता ने कहा कि मेरा फलां काम आपने नहीं कराया मैंने वोट आपको ही दिया था| नेताजी ने जबाब दिया वोट की बत्ती बनाकर ..| चले आये वोट दिया था| एक वोट से जीते है हम? हालत क्या इससे इतर होने वाली है| अगर जनता नहीं जाएगी और वोट देने के बाद सांसद से सवाल पूछने के अधिकार का इस्तेमाल नहीं किया तो जबाब एक बार फिर वही मिलेगा| उलटे हाथ की तर्जनी पर लगी स्याही कितने दिन चलेगी| फिर इसे दिखाने से भी कोई फायदा नहीं| इससे आगे बढ़कर आना होगा| अपना मसौदा सांसद को लिखा पढ़ी में देना होगा| कोई रिसीव न करे तो रजिस्ट्री से भेजना होगा| और विकास के लिए हर 6 माह में उसकी समीक्षा करनी होगी| धरना प्रदर्शन और आरोप ५ साल बाद लगाने की जगह पर हर छमाही पर लगाने होंगे| तब नेता मानेगा कि वोट आपने ही उसको दिया था| वर्ना…….|